अमेठी: दलित युवक की गोली मारकर हत्या
उत्तर प्रदेश के अमेठी में बीती रात दलित युवक की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। खून में लथपथ मृतक का शव खेत में मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में बीती रात दलित युवक की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। खून में लथपथ मृतक का शव खेत में मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची,पुलिस ने जांच में पाया कि मृतक के कनपटी पर ट्रिगर दबाकर उसे मौत के घाट उतारा गया है़। फिलहाल पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और वही पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है़।
जानकारी के मुताबिक घटना बीती रात जिले के संग्रामपुर थाना क्षेत्र के ननकू दास कुटी के पास की है़। मृतक के ससुर अमेठी कोतवाली क्षेत्र के पूरब गांव पूरे बल्दू निवासी रामदुलारे कोरी ने पुलिस को दी तहरीर में इस बात का जिक्र किया है़ कि उसका दामाद धर्मेंद्र कोरी (28) पुत्र स्व. तुलसीराम संग्रामपुर थाना क्षेत्र के पूरे तालुकदार मजरे गोरखापुर का निवासी है़। रविवार को इसी थाना क्षेत्र के आम पोखर मजरे गोरखापुर निवासी जियालाल वर्मा मेरे दामाद को धान का बेरन निकलवाने के लिए लेकर गया था। आरोप है़ कि रात में किसी समय उसने मेरे दामाद की गोली मारकर हत्या कर दी।
मृतक की पत्नी संदेश के घेरे में-
आज सुबह जब ननकू दास कुटी के पास मृतक युवक का शव खून में लथपथ मिला तो क्षेत्र मे हड़कंप मच गया। देखते ही देखते वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। तत्काल ग्रामीणों में से किसी ने पुलिस को सूचना दिया। आनन-फानन में स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, पुलिस ने घटना स्थल का निरिक्षण करते हुए शव का पंचायतनामा भर कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है़। पुलिस एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ भी कर रही। अबतक की पड़ताल में मृतक की पत्नी संदेह के घेरे में है़। पुलिस जल्द ही उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है़।खास बात ये रही कि उस वक्त प्राणघात हमले और आज हत्या दोनो मौके पर पत्नी का मायके में रहना भी सवालों के घेरे में है़।
सजग होती पुलिस तो बच सकती थी दलित युवक की जान-
बता दें कि इसके पहले गत 28 जून की रात में भी मृतक के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था। उसे इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया था। उस समय पुलिस में शिकायत हुई थी तो पुलिस ने एफआईआर दर्जकर इतिश्री कर लिया। आजतक आरोपियो को पकड़ा नही गया था।पहले ही हमले पर अगर पुलिस सचेत होती तो शायद बच सकती थी दलित युवक की जान।
REPORT-HANSRAJ SINGH
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