इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले को लिया वापस, जानें वजह
इलाहाबाद। उतर प्रदेश में बढ़ते तेजी से कोरोना वायरस के नए वेरीएंट ओमिक्रॉन के मामलों को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट काफी गंभीर है। इस वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक कमेटी ने संडे को देर शाम बैठक कर फैसला लिया कि सोमवार 3 जनवरी से इलाहाबाद हाईकोर्ट और इसकी लखनऊ बेंच में केसों की आनलाइन ( वर्चुअल) सुनवाई शुरू होगी।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस राजेश बिंदल ने अपने आदेश को वापस ले लिया है। कोर्ट ने कहा मंगलवार से हाईकोर्ट में वर्चुअल और फिजिकल बहस दोनों होंगी।
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार
की तरफ से निर्देश आया है, कि प्रतिबंध के पूर्व की भांति कार्य होगा। लेकिन कोर्ट में प्रेसाइडिगं ऑफिसर को यह जिम्मेदारी दी गई है। कि वह यह निश्चित करेगा कि कोर्ट रूम में एक साथ 10 व्यक्तियों से ज्यादा लोग नहीं रहेंगे। वहीं अधिवक्ताओं के लिए मात्र 6 चेयर ही उपलब्ध होगी. प्रेसाइडिंग ऑफिसर के पास या अधिकार होगा कि वह किसी की एंट्री को कोर्ट रूम में रोक सके. उधर, कोविड-19 की गाइडलाइन के अनुरूप कोर्ट का सैनिटाइजेशन व अन्य कार्य होंगे।
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