बेजुबां जानवरों की सेवा कर के मिसाल पेश कर रही हैं ‘अलीसा सिंह’
MBA पास छात्रा ने सरकारी प्राइवेट जॉब की बजाय चुना ऐसा काम... असहाय बेजुबान जानवरों की सेवा करने का जज्बा दिव्यांग जानवरों की सेवा करना। एक ऐसा हॉस्पिटल जहाँ होता है बेजुबानों का इलाज डॉक्टर करते देखभाल
फ़िरोज़ाबाद ज़िली के शिकोहाबाद नगर की अलीसा सिंह (Alisa Singh) ने ग्रेजुएट करने के बाद BBA जामिया विश्वविद्यालय से की फिर MBA महात्मा गांधी विश्वविद्यालय से की MBA पास करने के बाद अलीशा सिंह ने कुछ जानवर देखे जो किसी न किसी घटना दुर्घटना से अंग भंग हो गए है या बीमार है तो उन्हें याद आया कि उनके भाई कहते थे।
बाई पास इटावा रोड काली मंदिर के पीछे एक आश्रय बनाया
ऐसे जानवर बीमारी फैलाते है। उन्होंने ने सोचा क्यों न इन्हें एकत्र कर इनका इलाज कराया जाय इनके लिए एक सहारा बना जाय और उन्होंने बाई पास इटावा रोड काली मंदिर के पीछे एक आश्रय बनाया।
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बंदर है जिसके बिजली करेन्ट से दोनो पैर कट गए…
इसमें कई गाय एक्सीडेंट में दोनो पैर गवा चुकी है। एक की रीड की हड्डी फेक्चर है कुछ बीमार है, मोर के दोनो पैर , कई कुत्ते कमर से टूटे है चलने में आसहाय है बंदर है जिसके बिजली करेन्ट से दोनो पैर कट गए।
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ऐसे तमाम जानवरों का इलाज डॉ योगेन्द्र यादव के सहयोग से कराया जा रहा है असहाय जानवरों का ऐसा छोटा आश्रय या हॉस्पिटल कहेंगे जहाँ इनका इलाज हो रहा है।
समाज मे पैसे की भूख काफी है हर कोई सरकारी नौकरी को भागता है ऐसे समय अलीशा का जॉब सराहनीय प्रशंसनीय है जो लोग गाय को दूध पीकर छोड़ देते और जो समाज आम आदमी को समस्या होते है ऐसे में समाज को अलग संदेश दे रही हैं MBA पास अलीसा सिंह।
रिपोर्ट- बृजेश राठौर
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