अलीगढ़: पुलिस के गले की फांस बने हेमंत हत्याकांड का 7 महीने बाद हुआ खुलासा

अलीगढ़। लम्बे अर्से से पुलिस के गले की फांस बने हेमन्त हत्याकांड को लेकर स्थानीय थाने में चर्चाएं जोरों पर थीं। पुलिस के पास पुख्ता सुबूत ना होने की वजह से...

अलीगढ़। लम्बे अर्से से पुलिस के गले की फांस बने हेमन्त हत्याकांड को लेकर स्थानीय थाने में चर्चाएं जोरों पर थीं। पुलिस (police) के पास पुख्ता सुबूत ना होने की वजह से पुलिस आरोपियों के करीब तो थी, लेकिन हत्या जैसे गंभीर मामले में निर्दोष जेल ना चले जाएं, इस बात की फिक्र पुलिस को अंदर ही अंदर सताए जा रही थी। यही कारण है कि 7 महीने से लगातार पुलिस के द्वारा आरोपियों की सीडीआर सहित अन्य तमाम बयानों के बाद भी पुलिस कुछ भी करने को तैयार नहीं थी, फिर पुलिस के द्वारा आरोपियों के नार्कोटेस्ट कराने का निर्णय लिया गया।

पुलिस के द्वारा आरोपियों के नार्कोटेस्ट सहित अन्य सबूत जुटाकर पूरे मामले का खुलासा कर दिया गया है। पुलिस के द्वारा आरोपियों की निशानदेही पर तमंचा और कारतूस भी बरामद किए गए हैं।

ये भी पढ़े-बलिया: सपा कार्यालय पर मनाई गई सरोजिनी नायडू की 142 वीं जयंती

दरअसल, पूरा मामला जिला अलीगढ़ के कोतवाली इगलास के गांव गोरई का है, जहां 7 माह पूर्व हुए चर्चित हेमंत हत्याकांड का पुलिस (police) ने शनिवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने अपना जुर्म कबूल लिया। हत्यारों ने बताया कि शराब मंगवाने को लेकर हुए विवाद में हेमंत की हत्या की थी। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया है। जांच अधिकारियों को काफी मशक्कत के बाद हत्या के साक्ष्य नहीं मिलने पर उन्होंने सीबीआई की सेंटर फॉरेन्सिक लैब टीम की मदद ली। सेंटर फॉरेन्सिक टीम ने छह संदिग्धों का पॉलीग्राफी टेस्ट कराया, जिसमें ये दोनों गुनहगार हाथ पुलिस के हाथ लग पाए।

आपको बता दें 01.07.2020 को वादी तक्षपाल सिंह उर्फ रनवीर सिंह पुत्र ब्रहमजीत निवासी ग्राम गौरई थाना इगलास जनपद अलीगढ़ ने अपने पुत्र हेमन्त की हत्या के सम्बन्ध में बनाम अज्ञात पंजीकृत कराया था, जिसके बाद 7 महीने चली जांच में कुछ साफ नहीं हो पाया, जिसके बाद पूरे मामले को साक्ष्य एवं तथ्यों एवं साक्ष्यों की परिकल्पना के आधार पर वैज्ञानिक विधियों व पालीग्राफ टेस्ट का प्रयोग करते हुए आरोपियों 1-अजय पुत्र महेश व 2-तन्नू उर्फ तरुण पुत्र संजय अग्रवाल निवासी गोरई थाना इगलास अलीगढ़ का नाम प्रकाश में आया था, जिन्हे 13 फरवरी 2021 को समय करीब 00.20 बजे गोरई तिराहा से पुलिस (police) द्वारा गिरफ्तार किया गया।

ये भी पढ़े- सुल्तानपुर में हनुमान मंदिर की जर्जर व्यवस्था को देख कर किराएदार व कब्जाधारी कर रहे राजनीति

आरोपियों ने पुलिस (police) की पूछताछ में बताया कि 30.06.2020 को हमने हेमन्त के साथ पॉलिटेक्निक कॉलेज गोरई में एक साथ बैठकर शराब पी थी। शराब खत्म होने पर दोबारा शराब न लाने पर हेमन्त द्वारा हमारे साथ गाली-गलौज व मारपीट करने पर गालियां देते हुए आग बबूला होकर तरुण के मुंह पर जोर से थप्पड़ मारा। अजय बीच में आया तो अजय को भी एक घूसा मारा। तभी हम दोनों ने उसे नीचे गिरा लिया तभी हेमन्त ने कहा अभी सालों तुम्हे गोली मारता हूँ और अपने बैग से तमंचा निकालने की कोशिश तो तरुण ने अजय से कहा कि यह हमें मार देगा, साले को गोली मार दे। तभी अजय ने अपनी फैट से तमंचा निकालकर जमीन पर पड़े हुए हेमन्त की कमर में गोली मार दी। उसके बाद हम दोनों ने तमंचा मय खोखा कारतूस व दो कारतूस सहित एक पन्नी में रखकर MKS पॉलिटेक्निक कॉलेज की दीवार के पास झाड़ी में छिपा दिया था और भाग गये थे। हेमन्त के घर वालों ने हमसे पूछा था तो हमने कह दिया था कि वह तो ग्राम छैछऊ चला गया था। अगले दिन सवेरे जब हेमन्त के भाई ने हमसे अपने भाई की तलाश के लिये जोर दिया तो हम उसे इधर उधर ठहलाते हुए MKS पॉलिटेक्निक कॉलेज में ले गये थे, जहां हेमन्त की लाश पड़ी थी। आरोपियों की निशादेही पर तमंचा मय खोखा कारतूस बरामद करते हुए आरोपियों को जेल भेज दिया है।

रिपोर्ट- खालिक अंसारी

Related Articles

Back to top button