अलीगढ़ : भारतीय सेना के साथ खिलवाड़ करने वाला राष्ट्रवादी नहीं हो सकता- जयंत चौधरी
भारतीय सेना में जाने वाला नौजवान मजबूरी में नहीं जाता. वह तनख्वाह लेने नहीं जाता. उसके पीछे एक भावना होती है. जब बच्चा आंख खोलता है. तो देखता है.
अलीगढ़ : राष्ट्रीय लोक दल द्वारा आयोजित युवा महापंचायत में राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी पहुंचे. इस दौरान अग्निपथ योजना और व्यापक बेरोजगारी के विरोध में महापंचायत को सुनने के लिए टप्पल और आसपास के इलाकों से बड़ी संख्या में किसान और युवा यमुना एक्सप्रेसवे इंटरचेंज पर पहुंचे. इस मौके पर मंच पर जयंत चौधरी का जोशीला स्वागत किया गया. हालांकि इस महापंचायत में सपा के लोग नहीं दिखे. लेकिन इस रैली में वक्ताओं ने अग्निपथ योजना का खुलकर विरोध किया. वही महापंचायत में सेना के रिटायर फौजी भी खुलकर सरकार के खिलाफ बोले.
सेना के साथ खिलवाड़ राष्ट्रवादी नहीं -जयंत चौधरी
इस दौरान जयंत चौधरी ने कहा कि सेना के साथ खिलवाड़ करने वाला राष्ट्रवादी नहीं हो सकता. राष्ट्र के आगे बड़े-बड़े खतरे हैं. चीन घुसपैठ कर रहा है. हमारे पड़ोसी देश से रिश्ते खराब है. बांग्लादेश, नेपाल, चीन, पाकिस्तान से रिश्ते अच्छे नहीं है.उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो भर्तियां चल रही है. उसमें भ्रष्टाचार का खुलासा हो चुका है. उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि जितने भी पद खाली पड़े हैं. सब को जल्द से जल्द भरा जाएं.
सेना में नौजवान में नहीं जाता
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध हुआ. लोग खुद ही ही सड़क पर आएं. उन्हें किसी ने बुलाया और भड़काया नहीं था. लोगों के अंदर सरकार के प्रति गुबार था.उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में जाने वाला नौजवान मजबूरी में नहीं जाता. वह तनख्वाह लेने नहीं जाता. उसके पीछे एक भावना होती है. जब बच्चा आंख खोलता है. तो देखता है. मेरे चाचा ,ताऊ, पापा सेना में रह चुके हैं और उसके अंदर यह इच्छा जिंदा होती है. कि मैं भी सेना में जाऊं. जयंत चौधरी ने केन्द्र सरकार से मांग की है कि 4 साल के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को पक्की नौकरी दे देंगे.
जानबूझकर कोई भर्ती नहीं की गई
तो वह आज ही क्यों नहीं दे देते. 25 प्रतिशत को ही सेना में लिया जाएं. उन्होंने कहा कि सरकार 46000 भर्ती निकाली है. लेकिन वह केवल 15000 ही लोगों को सेना में पक्की नौकरी दें, पेंशन दे. लेकिन यह दोगलापन बर्दाश्त नहीं होगा.जयंत चौधरी ने कहा कि बड़ी व्यवहारिक बात है. सेना में भर्ती 3 हजार पद के लिए होती है और साढे़ सात लाख आवेदन किया .यह योजना की सफलता नहीं है. यह दर्शाता है कि लोग कितने फेस्टेट है. कोई अवसर युवाओं को नहीं मिल रहा रहे हैं. 2019 के बाद से ही जानबूझकर कोई भर्ती नहीं की गई.
रिर्पोट- ख़ालिक़ अंसारी अलीगढ़
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