अलीगढ़ :अस्पताल में हर समय लगेगा एंटी रेबीज का टीका

जानवरों के काटने से फैलता है। यह एक जानलेवा रोग है, क्योंकि इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है। इस कारण यह बीमारी ज्यादा खतरनाक होती है।

अलीगढ़ : ताले और तालीम के नाम से प्रदेश में अपनी जगह बना चुका अलीगढ़ अब एक नई पहचान बना चुका है अलीगढ़ को एंटी रेबीज अस्पताल की सौगात स्वास्थ्य निदेशक के द्वारा दी गई है उत्तर प्रदेश में एंटी रेबीज अस्पताल मिलने वाला पहला जिला अलीगढ़ बन चुका है अलीगढ़ आए स्वास्थ्य निदेशक डॉ एके सिंह ने रेबीज क्लीनिक का फीता काटकर शुभारंभ किया है,प्रदेश का पहला एंटी रेबिज क्लीनिक पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला संयुक्त चिकित्सालय अलीगढ़ में खोला गया है। स्वास्थ्य निदेशक एके सिंह ने फीता काटकर रेबीज क्लीनिक का शुभारंभ किया एडी हेल्थ डॉ. वीके सिंह, नोडल अधिकारी डॉ. देवेंद्र वार्ष्णेय व सीएमओ डॉ नीरज त्यागी, एवं सीएमएस डॉ. अनुपम भास्कर समेत सभी चिकित्सा अधिकारियों को इस पहल के लिए बधाई दी गई।

हाथों को साबुन से कुत्ते काटने वाली जगह को धोना है

वहीं अस्पताल का जायजा लेते हुए अस्पताल पहुंचने पर एडी हेल्थ व सीएमओ ने गुलदस्ता देकर निदेशक डॉ. एके सिंह का स्वागत किया।शुभारंभ के अवसर पर एके सिंह ने स्टाफ को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा – कि यह पिछले एक वर्ष में पूरे प्रदेश में प्लान कर रहे थे। दीनदयाल उपाध्याय जिला संयुक्त चिकित्सालय में कुत्तों काटने के जो मरीज आते हैं उनका टीका लगाया जाता था और टीका लगने के बाद लाभार्थियों को अवगत कराया जाता था कि हाथों को साबुन से कुत्ते काटने वाली जगह को धोना है।

लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है

उसके बाद लोगों को जानकारी नहीं मिल पाती थी एके सिंह ने बताया कि टीका लगने के बाद भी या फिर 5 से 6 माह व एक साल के बाद भी रैबीज हो जाता है। इसी को लेकर शासन के निर्देशानुसार जिले में नई पहल शुरू की गई है। इससे संवेदना संचार और प्रजार सारी चीजें हमारे जनमानस में हो जाएरेबीज एक ऐसा वायरस है जो आमतौर पर जानवरों के काटने से फैलता है। यह एक जानलेवा रोग है, क्योंकि इसके लक्षण दिखने में काफी समय लग जाता है। इस कारण यह बीमारी ज्यादा खतरनाक होती है। अगर समय रहते लोगों इसके प्रति सचेत हो जाएं, तो काफी हद तक बचा जा सकता है

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