इटावा : योगी सरकार पर जमकर बरसे पूर्व सीएम अखिलेश यादव, लगाए ये गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार रोजगार को निजीकरण की आड़ में खत्म करने की साजिश रच रही है। यह आरोप लगाया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने।
उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी की सरकार रोजगार को निजीकरण की आड़ में खत्म करने की साजिश रच रही है। यह आरोप लगाया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने। उन्होंने कहा है कि 15 लाख विद्युतकर्मी राज्यभर में हड़ताल पर चले गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल यह प्रस्ताव वापस ले लेना चाहिए।अखिलेश यादव अपने गृह जनपद स्थित मुलायम सिंह यादव के आवास पर प्रेस वार्ता की।
विद्युत क्षेत्र में गड़बड़ी
उन्होंने कहा कि भाजपा जब से सत्ता में आई है, तभी से विद्युत क्षेत्र में गड़बड़ी की शुरुआत हो गई है। एक यूनिट बिजली का उत्पादन बीते तीन वर्षों में नहीं हो पाया है। गांव में 10 घंटे और शहरों में 15 घंटे से अधिक बिजली की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए यह भी कहा है कि देश के साधनों-संसाधनों का बाजार लगाने में यह सरकार जुटी हुई है। शासन चलाने पर इसका कोई ध्यान ही नहीं है। युवाओं के रोजगार के अवसरों को यह सरकार निजीकरण के जरिए बेच रही है। इसके क्या दुष्प्रभाव होंगे, इसके बारे में तो भाजपा बिल्कुल भी नहीं सोच रही है।
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हालात नियंत्रण से बाहर
अखिलेश यादव ने कहा कि समय आ गया है कि भाजपा सरकार मान ले कि शासन चलाने में वह पूरी तरीके से नाकाम साबित हुई है। इसकी आर्थिक नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था की हालत इस वक्त एकदम पतली हो गई है। भाजपा सरकार के नियंत्रण से स्थिति बाहर हो गई है। यही कारण है कि सरकारी सेवाओं को जल्द-से-जल्द वह निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है, ताकि वह अपना राजनीतिक स्वार्थ साध सके और इससे बाहर निकलने का उसे मौका मिल जाए।
सब कुछ निजी हाथों में
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आईटीआई, टोल, मंडी, हवाई अड्डा, सरकारी माल, पॉलिटेक्निक, बीमा कंपनियां और रेल के निजीकरण की दिशा में यह सरकार कदम उठा रही है। सरकार टेंडर मंगवा रही है रेलवे के अस्पतालों को बेचने के लिए। सेवानिवृत्ति के बाद जो खाली पद बचे हुए हैं, उनमें से 50 फ़ीसदी पदों को खत्म किए जाने का निर्णय सरकार ने ले लिया है। यही नहीं सरकारी बैंकों की तादाद भी वह 12 से 5 करने की तैयारी में जुटी हुई है। सरकारी बैंकों के हिस्से तक को निजी क्षेत्र को बेचने की तैयारी यह सरकार कर रही है। रोजगार की हालत तो बीते 15 वर्षों में देश में सबसे खराब है।
अंधेरे में डूबा था पूरा सूबा
गौरतलब है कि राज्यभर में बिजलीकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने की वजह से पूरा सूबा अंधेरे में डूब गया था। निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों की हड़ताल की वजह से पूरे प्रदेश में भयानक बिजली संकट पैदा हो गया था। उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक ज्ञापन भी सौंपा था।
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