देश के स्वतंत्रता आंदोलन में BJP-RSS का कोई योगदान नहीं- अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ से बीस किलोमीटर गोसाईंगंज में स्थापित झण्डा स्मारक पर पहुंचकर अपनी भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने गुरुवार को लखनऊ से बीस किलोमीटर गोसाईंगंज में स्थापित झण्डा स्मारक पर पहुंचकर अपनी भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीदों की स्मृति को संजोए रखने पर बल देते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में जिन्होंने अपने प्राणों की आहूति दी वे हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। समाज अपने पूर्वजों के त्याग, समर्पण की भावना के प्रति नतमस्तक है। उनकी तपस्या से ही आज हम आजादी की हवा में सांस ले रहे हैं।

भाजपा सरकार पर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने साधा निशाना

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा स्वतंत्रता आंदोलन के जो मूल्य और आदर्श थे, वर्तमान भाजपा सरकार ने उनको भुलाने का काम किया है। भाजपा-आरएसएस की भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में कोई सहभागिता या भूमिका नहीं थी। इसलिए वे शहीदों की विरासत के प्रति न्याय नहीं कर सकते है। सन् 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में गांधी जी सहित जब कांग्रेस के बड़े नेता गिरफ्तार हो गए थे, तब समाजवादी नेताओं डाॅ. राममनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण तथा अरूणा आसफ अली आदि ने ही आंदोलन की कमान सम्भाल थी।

 

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किसानों के लिए यह गर्व का अवसर

अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि गोसाईंगंज नगर पंचायत का गठन 1915 ई0 में हुआ था। इस कस्बे से 1921 से 1942 के बीच 42 लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया, इनमें 3 महिलाएं भी थी। इस क्षेत्र में झण्डा स्मारक निर्माण स्वतंत्रता सेनानी मंगल प्रसाद यादव ने की थी। उनके नाती बृजेश यादव ने बताया कि 1930 में यहां स्वतंत्रता आंदोलन का झण्डा लगा था, जिसे पुलिस जबरन उतारकर ले गई थी। 1936 में जवाहर लाल नेहरू ने ध्वज फहराया और 20 नवम्बर 1938 में नेता जी सुभाष चंद्र बोस पधारे थे, उन्होंने भी झण्डा स्मारक पर ध्वजारोहण किया था। इस क्षेत्र के किसानों के लिए यह गर्व का अवसर था।

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