कृषि कानून पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव व मायावती ने रखी ये मांग

उसके बाद एक तरफ किसान इसका जश्न मना रहे हैं तो दूसरी तरफ यूपी में सियासत गरमा रही है। वहीं दुसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) व मायावती (Mayawati) ने निशाना साधा है। जिसे लेकर कई मांग रखी गई है ।

पिछले एक साल से दिल्ली सीमा पर डटे रहे किसानों की मांगों पर आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मान गए हैं। पिछले साल बनाए गए तीन कृषि कानूनों को अब केंद्र सरकार वापस लेगी। इसकी घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को अच्छे इरादे से पेश किया था, लेकिन हम किसानों को यह नहीं समझा सके। उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि अमीरों की भाजपा भूमि अधिग्रहण और काले कानूनों के जरिए गरीबों और किसानों को धोखा देना चाहती है। उसके बाद एक तरफ किसान इसका जश्न मना रहे हैं तो दूसरी तरफ यूपी में सियासत गरमा रही है। वहीं दुसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) व मायावती (Mayawati) ने निशाना साधा है। जिसे लेकर कई मांग रखी गई है ।

मायावती ने की ये मांग

कृषि अधिनियम की वापसी पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि किसानों की कुर्बानी आखिरकार रंग लाई है। उन्होंने कहा कि यह जीत उन किसानों को मिली है जो सर्दी और गर्मी में बारिश का विरोध कर रहे थे। मायावती ने कहा कि अगर केंद्र सरकार ने विवादास्पद कानून को रद्द करने की घोषणा बहुत देर से की होती तो फैसला काफी पहले हो जाना चाहिए था। अगर केंद्र सरकार यह फैसला बहुत पहले ले लेती तो देश कई तरह के झगड़ों और झगड़ों से बच जाता। हालांकि, किसानों को उनकी उपज का मूल मूल्य देने के लिए एक राष्ट्रीय कानून की उनकी विशेष मांग अधूरी है। बसपा ने मांग की कि केंद्र को संसद के आगामी सत्र (MSP) में इस संबंध में एक कानून लाना चाहिए।

सपा प्रमुख को भी बनाया निशाने पर

उधर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि अमीरों की भाजपा भूमि अधिग्रहण और काले कानूनों के जरिए गरीबों और किसानों को धोखा देना चाहती है। पूर्वांचल के सपा के विजयी दौरे के लिए जनता के समर्थन के डर से नाखून, बाल खींचे, कार्टून बनाए, जीप पर चढ़े, लेकिन काले कानूनों को वापस ले लिया। बीजेपी बताएगी सैकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब?

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