अखिलेश ने सरकार की ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग’ पर सवाल उठाये, कही ये बात

अखिलेश ने सरकार की 'ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग' पर सवाल उठाये, कही ये बात

Akhilesh questioned the governments Ease Business Ranking : समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार की जादूगरी कमाल की है। ईज आफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश लम्बी छलांग लगाकर नम्बर दो के पायदान पर पहुंच गया जबकि गतवर्ष 2019 में 12वीं रैंकिंग थी। एक वर्ष में इतनी लम्बी उछलकूद तो बड़े-बड़े धावक भी शायद न दिखा पाएं। मगर भाजपा है तो कुछ भी मुमकिन है। अफवाह और बहकावे की राजनीति में तो उसकी गजब की मास्टरी है।

Akhilesh questioned the governments Ease Business Ranking

  • सपा मुखिया ने कहा, अनियोजित लॉकडाउन और गलत आर्थिक नीतियों की वजह से अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है।
  • अकेले गौतमबुद्धनगर में 300 से ज्यादा फैक्ट्रियां बंद हो गई है। हजारों बंदीे के कगार पर है।
  • कहां गया 20 लाख करोड़ का पैकेज? बंद फैक्ट्रियों में लाखों की मशीनें धूल फांक रही है।
  • प्रदेश भर में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर, विनिर्माण, संचार, होटल आदि व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हैं।
  • उत्तर प्रदेश में रोजगार है नहीं, किसान, नौजवान आत्महत्या कर रहे है,
  • कानून व्यवस्था बर्बाद है, लूट-हत्या बलात्कार, अपहरण की वारदातें थम नहीं रही हैं।
  • विकास अवरूद्ध है। छह माह से कोरोना संक्रमण में लगातार बढ़ोत्तरी के चलते सभी गतिविधियां बंद हैं।
  • पांच महीने में तीन गुना मनरेगा मजदूर घट गए हैं।
  • 17 जुलाई से अब तक राजधानी के मनरेगा मजदूरों की 3.31 करोड़ रूपए की मजदूरी बकाया हो चुकी है।
  • फिर पता नहीं कैसे केन्द्र सरकार के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने उत्तर प्रदेश को दो नम्बरी बना दिया। राज्य सरकार और मुख्यमंत्री जी गदगद हैं।
  • कामयाबी के ढोल पीटे जा रहे हैं, किन्तु जमीन में निवेश कहां हुआ है? किस बैंक ने कर्ज दिया? इस सबका ब्यौरा नहीं है।
  • एक वर्ष में ही रैंकिंग कैसे बदल गई?

    बदहाली का जवाब तो देना ही होगा- अखिलेश

  • अखिलेश ने कहा कि अपनी कोई योजना न होने से वर्तमान सरकार समाजवादी सरकार की जनहित की योजनाओं को या तो बर्बाद करने में लग गई या फिर अपनी वाहवाही दिखाने को उन पर अपने नाम का ठप्पा लगाने लगी। लेकिन अब जनता को बुनियादी मुद्दों से भटकाना सम्भव नहीं। जनता को अब अपने राज में फैली बदहाली का जवाब तो देना ही होगा। केन्द्र और राज्य की भाजपा की डबल इंजन की सरकारें एक दूसरे का मनोबल बढ़ाने के लिए जो साजिशी छलांगे लगा रही हैं वह जनता को भ्रमित करने के सिवाय और क्या हो सकता है? यह भाजपाई जबानी जमा खर्च का सूत्र वाक्य है।
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