अद्भुत: भगवान शिव का वो मंदिर, जो अपने भक्तों को दर्शन देने के बाद हो जाता है गायब

अक्सर आपने कई ऐसे मंदिरों के बारे में सुना होगा, जहां होने वाले चमत्कार को लोग नमस्कार करते हैं। लेकिन देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जो...

अक्सर आपने कई ऐसे मंदिरों के बारे में सुना होगा, जहां होने वाले चमत्कार को लोग नमस्कार करते हैं। लेकिन देश में एक ऐसा अनोखा मंदिर भी है, जो अपने भक्तों को दर्शन देने बाद ही गायब हो जाता है। क्यों आप हैरान रह गए न…जी हां, ये बिल्कुल सच है। दरअसल, गुजरात के बडोदरा में भगवान शिव का ऐसा मंदिर (Temple) है, जिसे देखते ही देखते वो गायब हो जाता है। इस वजह से यह मंदिर पूरी दुनिया में मशहूर है।

किसने कराया था इस अद्भूत मंदिर का निर्माण

कहते हैं कि समुद्र के किनारे बसे इस मंदिर (Temple) का निर्माण भगवान शिव के बड़े बेटे कार्तिकेय ने किया था। इस मंदिर का नाम है स्तंभेश्वर महादेव मंदिर।

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ये इस अद्भूत मंदिर के निर्माण के पीछे की कहानी

स्कंद पुराण के अनुसार, राक्षस ताड़कासुर ने कठिन तप करके भगवान शिव को खुश किया था। भगवान शिव से ये वरदान प्राप्त किया था कि उसकी मौत तभी संभव होगी, जब भगवान शिव का पुत्र उसकी हत्या करे। भगवान शिव से ये वरदान मिलने के बाद उसके हौसले इतने बढ़ गए कि उसने उत्पात मचाना शुरु कर दिया। लोगों को परेशान करना शुरु कर दिया।

इसलिए बनाया था मंदिर

लोगों की रक्षा के लिए कार्तिकेय ने ताड़कासुर का वध कर दिया, लेकिन जैसे ही उन्हे ज्ञात हुआ कि ताड़कासुर शिवजी का भक्त था, वह व्यथित हो गए। तब देवताओं के मार्गदर्शन से उन्होंने महिसागर संगम तीर्थ पर विश्वनंदक स्तंभ की स्थापना की। यही स्तंभ मंदिर (Temple) आज स्तंभेश्वर मंदिर के नाम से विख्यात है।

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गायब होने के पीछे ये है वजह…

मंदिर के गायब होने के पीछे कोई चमत्कार नहीं, बल्कि प्राकृतिक घटना का परिणाम बताया जाता है। दरअसल, दिन में दो बार समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ जाता है कि भगवान शिव का यह मंदिर (Temple) समुद्र में समा जाता है।

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