आगरा नगर निगम शोचालय घोटाला : 156 टॉयलेट की सफाई में खर्च पर दिखाए 1.48 करोड़

आगरा-ताजनगरी के चौराहों, बाजारों में बने 156 शौचालयों की सफाई के नाम पर घोटाला हुआ है।

आगरा-ताजनगरी के चौराहों, बाजारों में बने 156 शौचालयों की सफाई के नाम पर घोटाला हुआ है। एक साल से बंद पड़े सार्वजनिक शौचालयों में दुर्गंध के कारण लोग परेशान हैं, लेकिन इनकी सफाई और संचालन के नाम पर नगर निगम ने 1.48 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। यही नहीं, नगर निगम इसके अलावा 156 टॉयलेट में पानी, फिनाइल की गोलियों समेत स्वच्छता के लिए झाडू, ब्लीचिंग पाउडर का खर्चा कर रहा है।

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पांच अधिकारियों की जांच कमेटी के सामने आया सच
नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे के निर्देश पर शौचालयों की व्यवस्था की जांच करने के लिए एक कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में शामिल मुख्य अभियंता (विद्युत) संजय कटियार ने ज्योति विकास संस्था की जांच की थी।

खामियां उजागर
इसी तरह मुख्य अभियंता बीएल गुप्ता ने एमएस सर्विसेज, अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने आदर्श सेवा समिति, सहायक नगर आयुक्त अनुपम शुक्ला ने ग्राम विकास संस्था, पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने सीएलसी और अधिशासी अभियंता आशीष शुक्ला ने सुलभ इंटरनेशनल की जांच की। इस रिपोर्ट में सुलभ इंटरनेशनल को छोड़कर अन्य सभी संस्थाओं को के कामकाज में खामियां मिली हैं।

जिम्मेदारी भूले अधिकारी
पीपलमंडी के पार्षद रवि बिहारी माथुर ने बताया कि नगर निगम ने 156 शौचालयों की सफाई, संचालन के लिए संस्था को ठेका दिया था। दिन में चार बार सफाई करनी थी, लेकिन महीनों तक सफाई नहीं हो रही। अधिकारी क्या कर रहे थे। उन पर कार्रवाई जरूर हो। उनकी लापरवाही से निगम के करोड़ों रुपये बर्बाद हुए हैं।

अफसरों से की जाए बसूली
‘अफसर के वेतन से हो रिकवरी’
ट्रांसयमुना के पार्षद प्रकाश केशवानी ने कहा कि निगम की ओर से झाड़ू, फिनायल की गोलियां, ब्लीचिंग पाउडर, कूड़ेदान का खर्च आखिर कैसे हो गया। एक दो नहीं, बल्कि 156 टॉयलेट हैं, जिनकी शिकायतें हम लोग करते रहे, पर भुगतान जारी रहा। जिस अधिकारी ने भुगतान किए, उसके वेतन से इसकी रिकवरी की जाए।मोतीगंज के पार्षद राकेश जैन ने कहा कि एक साल से टॉयलेट बंद हैं। नगर निगम फिर क्यों कंपनियों को प्रतिमाह भुगतान करता रहा। क्या एक साल में कोई निरीक्षण नहीं हुआ। जो सामान नगर निगम ने उपलब्ध कराया था वह कहां जाता था। इन सभी बिंदुओं पर जांच की जाए।

योजनाओं पर पलीता
संस्थाओं पर अर्थदंड लगाएं
बेलनगंज के पार्षद अनुराग चतुर्वेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाया गया है। जो संस्थाएं टॉयलेट के नाम पर गड़बड़ी कर रही हैं, उनके खिलाफ अर्थदंड के अलावा जो भुगतान हुआ है, उसकी वसूली की जाए।

आखिर कब होगी कार्यवाही-
नगर आयुक्त निखिल टी. फुंडे ने बताया कि पार्षदों ने शौचालयों का मामला रखा है। अधिकारियों ने भी निरीक्षण की रिपोर्ट रखी है। उन पर विचार करके कार्रवाई की जाएगी।

Report- mayak tyagi

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