मुंसिफ न्यायालय और ग्रामीण न्यायालय के हस्तांतरण के विरोध में अधिवक्ता अनशन पर।
सिविल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अनशन पर बैठे जिसकी अध्यक्षता संयुक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ निर्भय नारायण सिंह एवं अंजनी पांडे द्वारा किया गया।
बलिया : क्रिमिनल एंड रेवन्यू बार एसोसियेशन के बैनर तले अधिवक्ताओं ने मुंसिफ न्यायालय और ग्रामीण न्यायालय के स्थानांतरण के विरोध में जिला न्यायालय के प्रांगण में अपना विरोध दर्ज कराते हुए-
क्रमिक एवं एवं सिविल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता अनशन पर बैठे जिसकी अध्यक्षता संयुक्त बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ निर्भय नारायण सिंह एवं अंजनी पांडे द्वारा किया गया।
संयुक्त अधिवक्ता संघ उत्तर प्रदेश शासन से मांग करता है कि बलिया जैसे छोटे एवं आर्थिक रूप से कमजोर जनपद में मुंसिफ न्यायालय और ग्रामीण न्यायालय की तहसील स्तर पर स्थापना भौगोलिक दृष्टि से भी उचित नहीं है इसलिए हम अधिवक्ता शासन से मांग करते हैं कि उक्त स्थानांतरण को तत्काल स्थगित किया जाए।
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वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेश सिंह ने कहा, कि अगर ऐसी व्यवस्था बनानी ही है तो सुप्रीम कोर्ट से शुरू करें ,क्योंकि दिल्ली में होने की वजह से अपना केस दाखिल करने के लिए लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं, इससे गरीब आदमी इतना पैसा खर्च नहीं कर पाता है और न्याय पाने से वंचित रह जाता है।
तो सुप्रीम कोर्ट कि भी एक बेंच को प्रदेशों में स्थापित किया जाए।
और हाई कोर्ट की बेंच को भी जिला स्तर पर स्थापित किया जाय।
तब जाकर मुंसिफ न्यायालय और ग्रामीण न्यायालय का स्थानांतरण करें।
अपनी बात को बल देते हुए मनोज राय हंस ने कहां की यह किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। क्योंकि ग्रामीण न्यायालयों में फैसला देने वाले की जान को हमेशा खतरा बना रहेगा,और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं मिलनें कि कारण हत्या होने कि आशंका हमेशा बनी रहेगी ।
किसी भी दशा में हम अधिवक्ता मुख्यालय से ग्रामीण में न्यायालय को नहीं जाने देंगे, चाहे इसके लिए हम अधिवक्ताओं को जो कुछ भी करना पड़ेगा करेंगे, क्योंकि न्यायालय का मुख्यालय पर होना ही किसी भी दृष्टिकोण से ठीक है।
रिपोर्ट-सैय्यद आसिफ हुसैन जै़दी बलिया
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