Chanakya Niti: अगर नुकसान से बचना चाहते हैं तो इन पांच जगहों को करें इग्नोर, वरना…

आचार्य चाणक्य (Chanakya) की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों मे की जाती है।

आचार्य चाणक्य (Chanakya) की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों मे की जाती है। बुद्धि और अपनी अच्छी नीतियों के बल पर चंद्रगुप्त को शासक के रूप में स्थापित करने वाले आचार्य चाणक्य (Chanakya) को कूचनीति और राजनीति की अच्छी समझ थी। अपने शत्रुओं पर विजय हासिल करके चाणक्य ने इतिहास की धारा को एक नया मोड़ दिया।

क्षमता और प्रतिभा से जीवन में सफल हुए Chanakya

चाणक्य (Chanakya) ने अपने जीवन में अच्छी और बुरी दोनों परिस्थितियों का सामना किया था, उन्हें भी सफल होने के लिए बहुत अधिक संघर्ष करना पड़ा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी भी अपना आत्मविश्वास कम नहीं होने दिया और अपने अच्छे गुणों और मजबूत इरादों से चाणक्य ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी क्षमता और प्रतिभा को साबित किया और जीवन में सफलता हासिल की।

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चाणक्य (Chanakya) को कई विषयों को जानकारी थी, अर्थशास्त्र विषय के मर्मज्ञ थे। इसके साथ ही चाणक्य को राजनीति शास्त्र, सैन्य शास्त्र और कूटनीति शास्त्र की भी अच्छी जानकारी थी। उन्होंने अपने जीवन में जो कुछ भी सीखा और समक्षा, उसे अपनी पुस्तक चाणक्य नीति में दर्ज किया।

चाणक्य नीति में वो बताते हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन को किस प्रकार व्यतीत करना चाहिए। चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से वो बताते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार के स्थान पर बिल्कुल भी नहीं ठहरना चाहिए।

धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।

इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य (डॉक्टर) न हों, जहां कोई नदी न हो, वहां एक दिन भी नहीं ठहरना चाहिए।

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* जिस शहर में कोई भी धनवान व्यक्ति न हो, जिस देश में वेदों को जानने वाले विद्वान न हों, जिस देश में कोई राजा या सरकार न हो, जिस शहर या गांव में कोई डॉक्टर न हो और जिस स्थान के पास कोई भी नदी न बहती हो, वहां मनुष्य को रहने के बारे में सोचना नहीं चाहिए।

चाणक्य कहते हैं कि इन 5 चीजों का जीवन की समस्याओं में अत्यधिक महत्व है। आपत्ति के समय धन की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति धनी व्यक्तियों से ही हो पाती है। कर्मकांड के लिए पारंगत पुरोहितों की आवश्यकता होती है और उसी प्रकार राज्य शासन के लिए राज प्रमुख या राजा की आवश्यकता होती है।

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इसके अलावा जल आपूर्ति के लिए नदी और रोग निवारण के लिए अच्छे डॉक्टर की जरूरत होती है, इसलिए चाणक्य इन 5 चीजों को जीवन के लिए अपेक्षित सुविधा के रूप में मानने हुए इनकी जरूरतों पर जोर देते हैं और इन सुविधाओं से सम्पन्न स्थान को ही रहने योग्य मानते हैं।

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