शिवसेना की ‘अजान प्रतियोगिता’ पर मचा बवाल, जानें, क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना और विपक्षी दल बीजेपी के बीच 'अजान' को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है. दक्षिण मुंबई के शिवसेना नेता पांडुरंग सपकाल ने अपने क्षेत्र में मुस्लिम बच्चों के लिए 'अजान' प्रतियोगिता का आयोजन करने का खंडन किया है.

महाराष्ट्र में सत्ताधारी शिवसेना(Shiv Sena) और विपक्षी दल बीजेपी के बीच ‘अजान’ को लेकर सियासी जंग छिड़ गई है. दक्षिण मुंबई के शिवसेना नेता पांडुरंग सपकाल ने अपने क्षेत्र में मुस्लिम बच्चों के लिए ‘अजान’ प्रतियोगिता का आयोजन करने का खंडन किया है. जबकि बीजेपी ने सत्ता के लिए हिंदुत्व को त्यागने के लिए शिवसेना(Shiv Sena) पर जोरदार हमला बोला है. हालांकि सपकाल पहले अजान प्रतियोगिता का बचाव कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्होंने खंडन जारी किया.

सपकाल का बयान

इससे पहले, अपने रुख का बचाव करते हुए सपकाल ने कहा, ‘हमारी पार्टी के कुछ मुस्लिम पदाधिकारियों ने मुझसे अपने बच्चों के लिए कुछ करने का अनुरोध किया था, जो लॉकडाउन के दौरान घर पर नहीं बैठते थे. मैंने सुझाव दिया कि जिस तरह से हम हिंदू बच्चों के लिए ‘भगवद गीता’ पाठन प्रतियोगिता का आयोजन करते हैं, उसी तर्ज पर हम उनके बच्चों के लिए एक अज़ान प्रतियोगिता का आयोजन कर सकते हैं.’

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‘मातोश्री’ में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी

सपकाल ने बीजेपी द्वारा तुष्टीकरण की राजनीति के आरोपों का भी खंडन किया. सपकाल ने कहा, ‘बालासाहेब कहा करते थे कि वह हमेशा सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. उन्होंने हमेशा कहा कि उनका पूर्व राष्ट्रपति कलाम जैसे राष्ट्रवादी मुसलमानों के प्रति सम्मान है. उन्होंने एक मुस्लिम दंपति को अपने निवास ‘मातोश्री’ में नमाज अदा करने की अनुमति भी दी. उन्हें (बीजेपी को) हिंदू-मुस्लिम राजनीति करने की आदत है और वे ऐसा करेंगे. मगर मेरा इरादा साफ था.’

हमलावर हुई बीजेपी

इस बीच, बीजेपी ने इस मुद्दे को लेकर शिवसेना(Shiv Sena) पर तीखा हमला किया है. बीजेपी विधायक और बीएमसी चुनावों के प्रभारी अतुल भातखलकर ने कहा, शिवसेना(Shiv Sena) के कुछ नेता अब यह कह रहे हैं कि उन्हें अज़ान सुनना पसंद है और उन्हें यह सुनकर मन को शांति मिलती है. उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनने के लिए भगवा झंडे को त्याग दिया था और अब अपनी कुर्सी की सुरक्षा के लिए उन्होंने हरी झंडी दिखाई दे रही है. अब महाराष्ट्र के लोगों को समझ में आया होगा कि एक लड़की करिश्मा भोंसले, जिसने आनंदी नगर में अज़ान के खिलाफ शिकायत की थी, उसे क्यों गिरफ्तार कर लिया गया था, और उसकी रक्षा के लिए बीजेपी को आगे आना पड़ा. अब तो ओवैसी को भी सत्ता के लिए शिवसेना के पाखंड पर शर्म आएगी.

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