कानपुर : छोटे से विवाद पे एक दारोगा ने महिला और उसकी बेटी की कर दी पिटाई
कानपुर की ये दोनों मां बेटी इतना ज्यादा परेशान है जिले के पुलिस प्रशासन से की अब वो दोनों मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं।
यूपी पुलिस दावा करती है कि वो जनता की भलाई और सुरक्षा के लिए हमेशा से खड़ी रही है, प्रदेश के पुलिस प्रशासन के इस दावे को उन्हीं के विभाग के लोग झूठा साबित कर रहे है। कानपुर से एक मामला सामने आ रहा है, जहां पे उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन में दरोगा के पद पे कार्यरत ने महिला और उसकी बेटी को एक मामूली विवाद पे घर में घुस के मारा है। अब वो दोनों मां बेटी सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे है। क्योंकि पुलिस भी उनकी कोई साहयता नहीं कर रही है। उल्टा उन्हीं को धमका रही है।
कानपुर की ये दोनों मां बेटी इतना ज्यादा परेशान है जिले के पुलिस प्रशासन से की अब वो दोनों मुख्यमंत्री और पुलिस कमिश्नर से इच्छा मृत्यु की मांग कर रही हैं। इसके साथ ही में इस मामले में कार्रवाई न करने वाले इंस्पेक्टर का पीड़ित को धमकाने का ऑडियो भी वायरल हो रहा है।
एक सबमर्सिबल को लेकर शुरू हुआ विवाद
ये पूरा मामला कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र के गंगागंज इलाके की है। जहां रहने वाली रूबी का 13 जुलाई को सबमर्सिबल का पाइप निकालने को लेकर पड़ोस में रहने वाले दारोगा के परिवार से विवाद हो गया था। आरोप है कि, औरैया में तैनात दारोगा विमल गौतम शाम को घर लौटा तो उसने घर में घुस कर रूबी और उसकी मां के साथ मारपीट की। डंडे से मां बेटी की पिटाई की और गाली गलौज करते हुए शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद पीड़ित मां बेटी ने मामले की शिकायत पनकी थाने में की।
शिकायत दर्ज़ करने के बजाए मां बेटी को धमकाया
पुलिस ने पीड़ित मां बेटी की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिस पर युवती ने पनकी थाना प्रभारी दधिबल तिवारी को फोन कर मामले में की गयी कार्रवाई के बारे में पूछा। तो पनकी थाना प्रभारी दधिबल तिवारी ने उल्टा उसे ही धमकाते हुए कहा कि कह रही हो दारोगी जी मारे थे, वो हरिजन एक्ट लिखवा देगा तो दिमाग दुरुस्त हो जाएगा। इंस्पेक्टर के आरोपी दरोगा के पक्ष में खड़े हो जाने के बाद पीड़ित मां बेटी इंसाफ के लिए अधिकारियों से गुहार लगायी है।
एडीशनल डीसीपी वेस्ट को मिले जांच के आदेश
मामला बाहर आने के बाद पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मामले की जांच करवा कर उचित कार्रवाई की जाएगी। इंस्पेक्टर की भूमिका की जांच के लिए एडीशनल डीसीपी वेस्ट को जांच दी गयी है।
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