बड़ी खबर: उच्च न्यायालय के आदेशों के क्रम में राज्य सरकार ने जारी किए धार्मिक स्थलों को लेकर निर्देश
सार्वजनिक सड़कों,गलियों,फुटपाथों, सड़कों के किनारों, लेन आदि पर धार्मिक प्रकृति की किसी भी संरचना के निर्माण पर रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए है।
सार्वजनिक सड़कों, गलियों, फुटपाथों, सड़कों के किनारों, लेन आदि पर धार्मिक प्रकृति की किसी भी संरचना के निर्माण पर रोक लगाते हुए उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश जारी किए है। धार्मिक स्थलों को लेकर आदेश देते हुए उच्चन्यायालय के द्वारा 1 जनवरी 2011 अथवा उसके बाद के ऐसे निर्माण तत्काल हटाए जाने के निर्देश दिए है। जो सड़कों,गलियों,फुटपाथों, सड़कों के किनारों, लेन आदि पर मौजूद है साथ ही यूपी सरकार को ऐसे निर्माण योजनाबद्ध तरीके से संबंधित धार्मिक संरचना के अनुयायियों द्वारा निजी भूमि पर स्थानांतरित करवाने के आदेश दिए है।
उच्च न्यायालय के द्वारा जारी किए गए आदेशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने भी धार्मिक स्थलों को लेकर अपने फरमान जारी कर दिया है और धार्मिक स्थलों को लेकर नियमावली तैयार करने का खाका भी यूपी सरकार के द्वारा तैयार कर लिया गया है। आपको बता दें कि उच्चन्यायालय के आदेश का पालन करना हर भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी बनती है। केंद्र सरकार के साथ – साथ राज्य सरकार भी उच्चन्यायालय के आदेश का पालन करने की जिम्मेदारी होती है।
भारतीय संविधान के अनुसार उच्च न्यायालय का आदेश सर्वोपरि माना जाता है उसी को लेकर उच्च न्यायालय के द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश देते हुए रोड एव हाईवे के किनारे बने मंदिर. मस्जिद और गिरजाघर को हटाने के लिए उच्च न्यायालय ने आदेश जारी किया है जिसका पालन राज्य सरकार के द्वारा अमल में लाया जाएगा।
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जिससे सड़क एवं रोड के चौड़ीकरण में रोड एवं सड़क किनारे बने मंदिर मस्जिद गिरजाघर बाधा डालते हैं जिसकी वजह से आम जनमानस को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है एवं सरकार भी अपनी नीतियों पर खरी नहीं उतर पाती आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए सूबे के समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया है। वहीं सरकार के द्वारा सड़कों, गलियों, फुटपाथों, सड़कों के किनारों, लेन आदि पर धार्मिक प्रकृति की किसी भी संरचना के निर्माण पर भी रोक लगा दी है।
वहीं अलीगढ़ के प्रसिद्ध गिलहराज मंदिर के महंत के द्वारा जानकारी देते हुए बताया जो आदेश आया है, वो काफी सही है इस आदेश के बाद जो प्राचीन मंदिर है, उनको काफी हद तक प्राथमिकता मिलेगी।
रिपोर्ट- खालिक अंसारी
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