सुल्तानपुर : गोआश्रय की जमीन पर जिला पंचायत बनवा रहा था शॉपिंग कॉम्प्लेक्स ,डीएम ने दिए जांच के निर्देश

खबर सुल्तानपुर से है जहाँ शनिवार को गोआश्रय स्थल पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने को लेकर जिला पंचायत और नगरपालिका आमने-सामनें आ गये है। नगरपालिका अध्यक्ष बबिता जायसवाल( चेयरमैन) का आरोप है कि जिला पंचायत ने पालिका की जमीन को गोआश्रय बनाने के नाम पर लिया और अब उस पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बना रहा है। हालांकि रार बढ़ने पर डीएम रवीश गुप्ता ने प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही जांच पूरी होने तक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स को भूसा घर के रूप में प्रयोग किए जाने के आदेश दिए गए हैं।

बताते चलें कि सुलतानपुर में लखनऊ-वाराणसी नेशनल मार्ग 56 पर स्थित गोराबारिक अमहट क्षेत्र में नगरपालिका परिषद की जमीन थी। जिसमें पूर्वोत्तर में कांजी हाउस संचालित होता था। योगी सरकार आई तो प्रदेश भर में गोआश्रय केंद्र बनना शुरू हुए। मुख्यमंत्री के इस ड्रीम प्रॉजेक्ट के तहत कांजी हाउस की इस जमीन पर भी गोआश्रय केंद्र बना। जिसका कार्यभार जिला पंचायत देख रहा था। लेकिन अब नगर पालिका प्रशासन की से आरोप ये लगा है कि, गोशाला की जमीन पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनवाया जा रहा। इस आरोप के बाद जिला पंचायत ने गोशाला स्थल पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने को सही ठहराया है। जिला पंचायत की ओर से डीएम रवीश गुप्ता के समक्ष अपना पक्ष रखने की भी बात की जा रही है।

ये भी पढ़े – पहले T20 में फ्लॉप रहे टीम इंडिया के धुरंधर, इंग्लैंड की चाल पढ़नें में रहे नाकाम

तो वही उधर, इस मामले में नगरपालिका चेयरमैन बबिता जायसवाल से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि, अमहट गोराबारिक में नगरपालिका का कांजी हाउस अभी तक चल रहा था। बीते डेढ़ साल से गोआश्रय स्थल के रूप में इस जमीन का उपयोग किया जा रहा था। अब वहां शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाए जाने का प्रकरण सामने आया है। इस बात पर मुख्यमंत्री को पत्र भेजते हुए लिखा पढ़ी की जा रही है, अगर कोई सुनवाई नहीं हुई तो आगे की कार्यवाही की जाएगी। बताते चलें कि वहीं जब पूरे मामले पर डीएम रवीश गुप्ता से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि अमहट में जिला पंचायत का गोशाला संचालित है, शिकायत मिली कि पशुओं के भरण-पोषण के स्थान पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा। मेरी तरफ से निर्देश दिया गया है कि उच्च स्तर से स्वीकृति के बाद ही शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का स्वरूप प्रदान किया जाए, तब तक ढांचे को भूसा घर के रूप में उपयोग किया जाए।

REPORT – SANTOSH PANDEY

Related Articles

Back to top button