उत्तराखंड का अनोखा इतिहास: जानें, क्यों BJP का एक भी मुख्यमंत्री पूरा न कर पाया अपना कार्यकाल?
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Elections) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में सियासी हलचल तेज हो गई, जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने मंगलवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttrakhand Assembly Elections) से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में सियासी हलचल तेज हो गई, जिसके परिणामस्वरूप मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (CM Trivendra Singh Rawat) ने मंगलवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को सीएम पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं, जब सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पत्रकारों ने उनके इस्तीफा देने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इसकी वजह जानने के लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा और यह सवाल आपको पार्टी आलाकमान से पूछना होगा।
नारायण दत्त तिवारी के अलावा कोई भी पूरा न कर सका अपना कार्यकाल
बता दें कि आपको यह जानकर बेहद हैरानी होगी कि उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जिलों को अलग करके बनाए गए राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) में अब तक सात मुख्यमंत्री रह चुके हैं, जिसमें से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी के अलावा किसी भी मुख्यमंत्री ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
ये भी पढ़ें- बड़ी खबर: सियासी घमासान के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया इस्तीफा
केंद्र शासित भारतीय जनता पार्टी के भी किसी भी मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड (Uttrakhand) में अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है।
उत्तराखंड (Uttrakhand) राज्य बनने के बाद 2007-2012 में हुए दूसरे विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी सरकार बनाई। इस दौरान भुवन चन्द्र खण्डूरी (निर्वाचन क्षेत्र- धुमाकोट) मुख्यमंत्री बनें, लेकिन भुवन चंद्र अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा न कर सके। 8 मार्च 2007 से 23 जून 2009 तक 839 दिनों का उनका कार्यकाल रहा।
बीजेपी की सरकार में ही भुवन सिंह खण्डूरी के बाद 24 जून 2009 से 10 सितंबर 2011 तक रमेश पोखरियाल निशंक (निर्वाचन क्षेत्र- थलीसैंण) को मुख्यमंत्री बनाया गया, लेकिन पांच साल के कार्यकाल के पूरे होने से पहले ही उन्हें 808 दिन में मुख्यमंत्री पद छोड़ पड़ा।
ये भी पढ़ें- उत्तराखंड: CM पद से इस्तीफा देने के सवाल पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साधी चुप्पी, कहा- जानने के लिए आपको…
दूसरे विधानसभा कार्यकाल में ही भाजपा की सरकार के रहते रमेश पोखरियाल निशंक के बाद फिर से भुवन सिंह खण्डूरी को मुख्यमंत्री के पद की जिम्मेदारी सौंपी गई, जिन्हें मेजर जनरल बी. सी. खण्डूरी के नाम से भी जाना जाता है। इस बार उनका कार्यकाल 185 दिनों का रहा, जो कि 11 सितंबर 2011 से 13 मार्च 2012 तक रहा।
इसके बाद उत्तराखंड (Uttrakhand) के तीसरे विधानसभा के कार्यकाल (2012-17) पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का राज रहा। हालांकि, इस दौरान भी कांग्रेस के किसी भी मुख्यमंत्री ने अपने पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा नहीं किया, जिसमें एक दिन के कार्यकाल की धारचूला निर्वाचन क्षेत्र से हरीश रावत की सरकार भी बनी, जो काफी सुर्खियों में रही।
आपको बता दें कि चौथे विधानसभा चुनाव (2017) में बनी बीजेपी की सरकार में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद पर अब तक का सबसे बड़ा कार्यकाल पूरा किया है, जो कि 18 मार्च 2017 से 09 मार्च 2021 तक रहे यानी 1448 दिनों तक सीएम पद की नियुक्त रहे।
देश-विदेश की ताजा ख़बरों के लिए बस करें एक क्लिक और रहें अपडेट
हमारे यू-टयूब चैनल को सब्सक्राइब करें :
हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें :