महिला दिवस: सरकारी नौकरी का रास्ता छोड़ देश का भविष्य संवार रही है ये महिला, अपने हुनर से दिया 25 लोगों को रोजगार

शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार को लेकर बेरोजगारों की सबसे पहली पसंद सरकारी नौकरी ही होती है

शिक्षा ग्रहण करने के बाद रोजगार को लेकर बेरोजगारों की सबसे पहली पसंद सरकारी नौकरी ही होती है, लेकिन भदोही में एक महिला ने कई बड़ी डिग्रियां लेने के बाद खुद के उद्यम पर विश्वास किया और वर्चुवल कोचिंग के माध्यम से हजारों प्रतियोगी परीक्षा के छात्रों को निशुल्क और बेहद कम फीस में तैयारी करा रही हैं। उनके कई छात्रों का सरकारी नौकरी में भी चयन हो गया है। सिर्फ यूट्यूब पर उनसे 17 हजार छात्र जुड़कर निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो उनके एप के माध्यम से बेहद कम फीस में भी काफी संख्या में छात्र जुड़े हैं।

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टेक्नोलॉजी के दौर में खुद की मेहनत से अपनी पहचान बनाने वाली अलका जिला मुख्यालय पर रहती हैं और उन्होंने बीएससी, इतिहास में एमए, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमए,बीएड, एमएड, ला की डिग्री लेने के साथ पीएचडी भी कर रही हैं। अलका बताती है कि उन्हें सरकारी नौकरी भी सफलता मिली लेकिन उन्हें लगा कि वो कुछ और भी अच्छा कर सकती हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों की मदद हो सके। पहले तो उन्होंने कई प्रतिष्ठित वर्चुअल कोचिंग में माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों को क्लास देना शुरू किया और खुद का एक यूट्यूब चैनल बनाकर उसपर लगातार नेट, जेआरएफ, टीजीटी-पीजीटी के साथ अन्य प्रतियोगी परिक्षाओं से सम्बंधित कोचिंग क्लास चलाने लगीं तो धीरे धीरे यूट्यूब पर उनसे 17 हजार छात्र जुड़कर निशुल्क क्लास लेने लगे। छात्रों के लाइव क्लासेस की डिमांड पर अलका ने खुद के कोचिंग एप के माध्यम से पढ़ना शुरू किया और आज उनके साथ बड़ी संख्या में पेड स्टूडेंट भी जुड़कर तैयारी कर रहे हैं। खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनका यह पूरा कोचिंग एक छोटे से कमरे में चलता है जहां डिजिटल स्क्रीन और कम्प्यूटर के माध्यम से अलका पूरे दिन अलग अलग क्लास लेती रहती हैं और बड़ी बात यह है कि उन्होंने अपने इस हुनर से 25 लोगों को रोजगार भी दे रखा है जो उनके साथ क्लास लेते हैं, कई टेक्निकल कार्यो से जुड़े हैं। अलका बताती हैं कि इससे उनकी अच्छी-खासी अर्निंग भी हो जाती है और उन छात्रों की बेहद कम फीस में घर बैठे तैयारी हो जाती है जो महानगरों में जाकर महंगे कोचिंग संस्थान का खर्च नही उठा सकते। अलका की अगली योजना है कि वो भदोही जिले के अधिक से अधिक छात्रों को शिक्षा के प्रति मोटिवेट करें और उन्हें गाइड करें कि छात्र इंटरमीडिएट-ग्रेजुएशन के बाद क्या करें।

Report- Anant Dev Pandey

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