लॉकडाउन के कारण जिंदगी से हार गया यह शख्स, सुसाइड नोट में लिखी रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी
सीतापुर : व्यक्ति का शव मैगलगंज रेलवे स्टेशन पर पड़ा मिला. व्यक्ति के पास एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उसने अपनी मौत के लिए कोरोनावायरस (Coronavirus) की वजह से लगे लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया है.
भानू मैगलगंज के रहने वाले थे और शाहजहांपुर में एक होटल पर काम करते थे. लॉकडाउन (Lockdown) के बाद से भानू लम्बे समय से घर पर ही थे. भानू की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. इन दिनों घर में न खाने को कुछ था और न अपने और अपनी बूढ़ी मां के इलाज के लिए पैसे थे. दोनों ही सांस की बीमारी से जूझ रहे थे. भानू के तीन बेटियां और एक बेटा हैं.
घर पर बूढ़ी मां और बीमारी का बोझ था. घर की पूरी जिम्मेदारी भानू के कंधे पर थी. जिम्मेदारियों के बोझ तले दबकर भानू ने जिंदगी से हार मान ली और रेलवे ट्रैक पर लेट मौत को गले लिया.
बताया जाता है कि भानु प्रकाश गुप्ता ने शाहजहांपुर से सीतापुर की तरफ जा रही है श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन के नीचे आकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने अपनी जेब में एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। मृतक अपने पीछे पत्नी के अलावा तीन लड़की एवं दो लड़के छोड़ गया है। उधर डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि उसके परिवार में उसके व उसकी मां के अन्त्योदय राशन कार्ड बने थे। उन पर 40 किलो राशन का उठान भी हुआ है। जिला प्रशासन भानु के परिवार की हर संभव सहायता करेगा।
सुसाइड नोट में लिखा दर्द
भानू की जेब से जो सुसाइड नोट बरामद हुआ है, उसमें उसने लिखा है कि राशन की दुकान से उसको गेहूं-चावल तो मिल जाता था, लेकिन ये सब नाकाफी थे. चीनी, चायपत्ती, दाल, सब्जी, मसाले जैसी रोजमर्रा की चीजें अब परचून वाला भी उधार नहीं देता था. मैं और मेरी विधवा मां लम्बे समय से बीमार हैं. गरीबी के चलते तड़प-तड़प के जी रहे हैं. शासन-प्रशासन से भी कोई सहयोग नहीं मिला. गरीबी का आलम ये है कि मेरे मरने के बाद मेरे अंतिम संस्कार भर का भी पैसा मेरे परिवार के पास नहीं है.
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