तेजस ट्रेन को सफल बनाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस की सुविधाएं हो रही है खत्म
shatabdi-express : प्राइवेट ट्रेन तेजस को सफल बनाने के लिए खत्म हो रही शताब्दी एक्सप्रेस की सुविधाएं, न खाना न पानी किराया तेजस के बराबर
वीआईपी ट्रेनों में शुमार शताब्दी एक्सप्रेस सुविधाओं के लिहाज से पिछड़ती जा रही है। पहले जो सुविधाएं यात्रियों को कम किराये पर मिलती थीं, अब ज्यादा किराया देने के बाद भी नहीं मिल रही हैं। पीने के पानी से लेकर खाने तक का अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा है, जबकि यही सुविधाएं तेजस एक्सप्रेस में किराये में शामिल हैं।
लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली शताब्दी एक्सप्रेस लखनऊ मंडल की शान है। इसमें सीटों की मारामारी तक रहती थी, हालांकि लॉकडाउन के बाद से इसकी हालत बिगड़ी है। इस ट्रेन से लगातार यात्रियों का मोहभंग हो रहा है।
बताया कि पहले 700 से 900 रुपये में खाना-पीना मिलता था।
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फिर डायनेमिक फेयर से किराया हजार से पंद्रह सौ के बीच पहुंच गया, पर इसमें कैटरिंग शामिल थी। अब तो इतना किराया देने के बावजूद कुछ खाने-पीने को नहीं मिल रहा। रेलवे यात्रियों की सुविधाओं को लेकर संजीदा नहीं है।
…इसलिए हो रहा है खेल
यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल का कहना है कि पूरा खेल तेजस एक्सप्रेस को सफल बनाने के लिए खेला जा रहा है। जब तेजस व शताब्दी एक्सप्रेस का किराया लगभग एक है तो फिर शताब्दी में यात्रियों को आधारभूत सुविधाएं तक क्यों नहीं दी जा रही हैं,
जबकि पहले इसी किराये पर खाना व पानी मिलता था। अब कैटरिंग के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है। वहीं तेजस में कैटरिंग का कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जा रहा है।
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खाली जा रही हैं सीटें
सुविधाओं में कटौती से शताब्दी में सीटें खाली रह जा रही हैं। लॉकडाउन के बाद तो 50 प्रतिशत तक सीटें खाली रहती थीं। शताब्दी में रविवार को भले ही मामूली वेटिंग चल रही हो,
लेकिन सोमवार को चेयरकार में 568, मंगलवार को 677, बुधवार को 787, गुरुवार को 745 व शुक्रवार को 806 सीटें खाली हैं। इन दिनों में एग्जीक्यूटिव क्लास में क्रमश: एक, सात, तीन, दस और 14 सीटें खाली हैं।
किराये पर एक नजर
किराया — तेजस एक्सप्रेस — शताब्दी
बेस फेयर — 950 — 695
डायनेमिक चार्ज — 285 — 278
जीएसटी — 62 — 53
रिजर्वेशन चार्ज — 00– 40
सुपरफास्ट चार्ज — 00 — 45
कैटरिंग चार्ज — 00 — 00
कुल — 1297 — 1115
(नोट: यह रविवार की ट्रेन का किराया है।)
यात्रियों का दर्द: 300 रुपये खाने पर हो गए खर्च
मनोज का कहना है कि ज्यादा शताब्दी से ही दिल्ली जाता हूं, अब तो इसमें पीने का पानी तक नहीं दिया जाता है।
लखनऊ पहुंचने तक 300 रुपये खाने पर अलग से खर्च हो गए। कुल किराया 1500 रुपये के पार पहुंच गया, इससे बेहतर तो फ्लाइट कर लेता।
बोगी की हालत भी खराब
कामरान का कहना है कि शताब्दी की बोगियों की हालत भी खराब हो रही हैै, ट्रेन चलने पर आवाजें आती हैं, शौचालय में भी गंदगी रहती है, शताब्दी में कुछ अच्छा है तो उसकी टाइमिंग। ट्रेन समय पर रहती है।
तो नहीं मिलेंगे यात्री
मनीष का कहना है कि शताब्दी की बुकिंग के वक्त इतने अधिक चार्ज लिए जाते हैं, जिससे किराया महंगा हो रहा है।
सुपरफास्ट चार्ज, रिजर्वेशन चार्ज मिलाकर 85 रुपये लेते हैं, जबकि तेजस में ऐसा नहीं होता, कभी-कभी किराया फ्लाइट के बराबर पहुंच जाता है। हालत न सुधरी तो यात्री नहीं मिलेंगे।
आईआरसीटीसी के सीपीआरओ आनंद कुमार झा का कहना है कि शताब्दी सहित अन्य ट्रेनों में कैटरिंग गत वर्ष मार्च से बंद है, इसके पहले 185 रुपये लिए जाते थे, जो अब नहीं वसूल रहे हैं।
शताब्दी में यात्रियों को पैक्ड फूड दिया जाता है, जिसका भुगतान करना पड़ता है, तेजस में खान-पान का शुल्क टिकट में ही शामिल है।
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