कृषि कानून: मुश्किलों से निपटने के लिए अब किसान कर रहे ये काम, किसी भी कीमत पर नहीं हटेंगे पीछे
कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन पिछले 93 दिन से चल रहा है. देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों के सामने तमाम मुश्किलें आईं लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा. दिसंबर और जनवरी की सर्दी भी उनको नहीं हिला सकी तो अब गर्मी ने भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. जिससे निपटने के लिए किसान अब टेंट लगा रहे हैं. किसान किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
कृषि कानून के विरोध में किसानों (Farmer) का आंदोलन पिछले 93 दिन से चल रहा है. देश के किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. किसानों (Farmer) के सामने तमाम मुश्किलें आईं लेकिन उनका हौसला नहीं टूटा. दिसंबर और जनवरी की सर्दी भी उनको नहीं हिला सकी तो अब गर्मी ने भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. जिससे निपटने के लिए किसान अब टेंट लगा रहे हैं. किसान किसी भी हाल में पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
अब किसान संगठन दिल्ली सीमाओं के अलावा देश के कोने-कोने में जाकर महापंचायत कर रहे हैं और तीनों कृषि कानूनों के बारे में बता रहे हैं. भाकियू नेता राकेश टिकैत और नरेश टिकैत लगातार महापंचायत कर रहे हैं.
वहीं कई राजनीतिक पार्टियां भी किसान आंदोलन को समर्थन दे रही हैं और उनके साथ कंधा मिलाकर इस लड़ाई में किसानों (Farmer) का साथ दे रही हैं. दिल्ली में किसान कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
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वहीं लालकिले हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू को लेकर खबर आ रही है कि, उसने सुरक्षा की मांग वाली याचिका को वापस ले ली है. इसके साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी. जिसपर कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है.
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि, कोई भी सरकार किसानों (Farmer) को नुकसान पहुंचाने वाला कानून बनाने की जुर्रत नहीं करेगी. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने किसानों को कानूनी बंदिशों से आजादी दी है तो इसमें गलत क्या है ?
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