टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा, रची जा रही थी ये खतरनाक साजिश…

दिल्ली पुलिस ने टूलकिट मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि, जनवरी महीने में टूलकिट बनाया गया था. इस टूलकिट के जरिए भारत में किसान आंदोलन को लेकर लोगों को भड़काना था. टूलकिट का इस्तेमाल ये लोग भारत के दूतावासों को टारगेट करने और किसान आंदोलन के प्रदर्शन को पूरी दुनिया में ले जाने की फिराक में थे.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने टूलकिट मामले को लेकर बड़ा खुलासा किया है. पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए बताया कि, जनवरी महीने में टूलकिट बनाया गया था. इस टूलकिट के जरिए भारत में किसान आंदोलन को लेकर लोगों को भड़काना था. टूलकिट का इस्तेमाल ये लोग भारत के दूतावासों को टारगेट करने और किसान आंदोलन के प्रदर्शन को पूरी दुनिया में ले जाने की फिराक में थे.

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने दावा किया है कि, इसी को लेकर 11 जनवरी को जूम मीटिंग की गई थी. इस मीटिंग में रवि दिशा, शांतनु और निकिता जैकब शामिल हुए थे. इसके साथ ही मीटिंग में खालिस्तान संगठन से जुड़े पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन का एमओ धालीवाल कनाडा से जुड़ा हुआ था.

इस मीटिंग में 26 जनवरी से पहले ट्विटर पर हलचल पैदा करने की रणनीति के साथ ही क्या हैशटैग चलाना है तय किया गया था. इस टूलकिट का मकसद किसानों के बीच आक्रोश पैदा करना था. पुलिस (Delhi Police) ने बताया कि, इस जूम मीटिंग में करीब 70 लोग शामिल हुए थे.

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इसके साथ ही पूरी साजिश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था. पुलिस (Delhi Police) का दावा है कि, दिशा और निकिता के लैपटॉप से कुछ संदिग्ध सूचनाएं भी बरामद की गई हैं. इसके साथ ही टूलकिट को बहुत बारीकी के साथ बनाया गया था. इसमें ये भी बताया गया था कि, किसे फॉलो करना है और कब क्या चलाना है.

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