बलरामपुर: अब खुली आंखों से फिर से देख सकेंगे बूढ़े बुजुर्ग अपनों के चेहरें पर खुशियां

बलरामपुर अति पिछड़ा जिला में घोषित है बलरामपुर में शिक्षा स्वास्थ्य बदहाल व्यवस्था केंद्र की हुकूमत उत्तर प्रदेश की हुकूमत लाख दावा करती है लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में बद से बदतर है भारत नेपाल की सीमा से सटा हुआ जिला है

डॉक्टर को भगवान का रूप कहा जाता है ।आज भगवान के रूप में डॉ लगभग 600 मरीजों बूढ़े बुजुर्गों की आंखों की रोशनी देने का काम किया। जो खुली आंखों से फिर से देख सकेंगे बूढ़े बुजुर्गों के चेहरे पर खुशियो की झलक देखने को मिला।

स्वास्थ्य व्यवस्था में बद से बदतर है…

बलरामपुर अति पिछड़ा जिला में घोषित है बलरामपुर में शिक्षा स्वास्थ्य बदहाल व्यवस्था केंद्र की हुकूमत उत्तर प्रदेश की हुकूमत लाख दावा करती है लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में बद से बदतर है भारत नेपाल की सीमा से सटा हुआ जिला है।

पानी की खराब क्वालिटी होने के कारण बच्चे कुपोषित के शिकार होते रहते हैं यहां 75% बच्चे कुपोषित के शिकार हैं बूढ़े बुजुर्गों की आंखों की रोशनी जल्दी चली जाती है।

इसी कारण डू इट सोसाइटी के संस्थापक हारून समाजसेवी बलरामपुर ब्लॉक पचपेड़वा ग्राम सभा माल्द में कैंप लगाकर लगभग 600 मरीजों को फ्री चस्मा,दवा मोतियाबिंद के शिकार के लोगों की ऑपरेशन कराने का बड़ी जिम्मेदारी उठाई।

दवा दिया गया चश्मा दिया गया ऑपरेशन करने के लिए…

कैंप लगने के कारण बूढ़े बुजुर्गों की खास जगह कोई तो हमारी आंखों की रोशनी लौटआ रहा है मरीजों के चेहरे पर काफी खुशी दिखाई दिया मरीज बताती हैं कि हम लोग आए हम लोगों को अच्छे से जांच किया गया दवा दिया गया चश्मा दिया गया ऑपरेशन करने के लिए हमारी ज़िम्मेदारी उठाया गया है।

डू इट सोसाइटी के संस्थापक समाजसेवी हारुन का कहना है यहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था की बहुत कमी है गरीब मजदूर मजलूम किसान लोग हैं जो बाहर जाने में असमर्थ है इसीलिए इनके लिए कैंप लगाया गया है और ऐसे ही पूरे जिले में कैंप लगाकर के गरीब मजदूर मजलूम लोगों की सेवा करना हमारा कर्तव्य है और आगे भी इसी तरीके से पूरे बलरामपुर जिले में कैंप लगाया जाएगा ।

 रिपोर्ट-  मिथलेश कुमार बलरामपुर

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