यूपी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण नीति जारी, देखें लिस्ट
उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर शुक्रवार को आरक्षण नीति जारी कर दी गई है. आरक्षण नीति को लेकर कहा गया है कि, जो नीति साल 2015 में थी उसे इस बार बदल दिया गया है. पंचायतीरात विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि, आरक्षण नीति में 1995 से लेकर 2015 तक के आरक्षण को लेकर इस बार नियम लागू किए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों (panchayat election) को लेकर शुक्रवार को आरक्षण नीति जारी कर दी गई है. आरक्षण नीति को लेकर कहा गया है कि, जो नीति साल 2015 में थी उसे इस बार बदल दिया गया है. पंचायतीरात विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि, आरक्षण नीति में 1995 से लेकर 2015 तक के आरक्षण को लेकर इस बार नियम लागू किए गए हैं.
मिली जानकारी के मुताबिक, एससी, ओबीसी और महिला क्रम में पिछले चुनावों (panchayat election) को देखते हुए आरक्षण की नीति लागू की गई है. जिन पदों को पहले कभी आरक्षित नहीं किया गया था उनको वरीयता दी गई है. पूरे प्रदेश में दो जिला पंचायतें ऐसी हैं जहां पर पहले कभी आरक्षण की नीति लागू नहीं की गई है. इसके साथ ही 7 जिला पंचायतें ऐसी हैं जो कभी भी महिलाओं के लिए आरक्षित नहीं हुई हैं. इसलिए इनको भी वरीयता दी गई है.
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2015 में जो आरक्षण की स्थिति थी उसे बदला गया है. जो पद या सीटें एससी/एसटी या फिर महिला के लिए आरक्षित थे उसे ओबीसी और अनारक्षित के लिए किया गया है.
शुक्रवार को जारी की गई आरक्षण नीति में 27 जिला पंचायत अध्यक्ष के पद अनारक्षित किए गए हैं. इसके साथ ही 12 महिला, 27ओबीसी और 16 एससी में आरक्षित किये गए.
वहीं ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित,113 महिला, 223 ओबीसी और 171 एससी जबकि पहली बार 5 पद एसटी कैटेगरी के लिए रखे गए.
ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित, 9739 महिला सीट,15712 ओबीसी और 12045 एससी जबकि 330 एसटी के लिए रिज़र्व हुए हैं.
बता दें कि, कुल 58194 ग्राम पंचायतों में प्रधान पद के लिए महिलाओं के 19659 पद आरक्षित हैं जो कि कुल ग्राम पंचायतों का 33.78 फीसदी है.
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