सामूहिकता की ताकत ही भारत को दुनिया को बड़ी ताकत बना रही – प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर चौरी चौरा की घटना पर केन्द्रित एक डाक टिकट भी जारी किया।
भारत के PM नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा वही भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनाएगी। सामूहिकता की यह शक्ति, आत्मनिर्भर भारत की ताकत है।
देश को आत्मनिर्भर बनाने में सामूहिक भागीदारी बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि देश की एकता और सम्मान सबसे बड़ा है। इसी भावना से प्रत्येक देशवासी को साथ लेकर आगे बढ़ना है। उन्होंने विश्वास जताया कि देश के विकास की यात्रा एक नये भारत के निर्माण के साथ पूर्ण होगी।
PM मोदीआज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का शुभारम्भ करने के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर चौरी चौरा की घटना पर केन्द्रित एक डाक टिकट भी जारी किया।
थीम सॉन्ग ‘चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास
प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जी कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुईं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर स्थित चौरी चौरा स्मारक स्थल से इस कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के साथ जुड़ने के पश्चात संगीत नाटक एकेडमी द्वारा चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव का थीम सॉन्ग ‘चौरी चौरा के वीरों ने रचा नया इतिहास’ प्रस्तुत किया गया।
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PM मोदी ने कहा कि 100 वर्ष पहले चौरी चौरा की घटना का संदेश बहुत बड़ा और व्यापक था। अनेक कारणों से पहले जब इस घटना की बात हुई, इसे आगजनी के रूप में देखा गया। आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, वह महत्वपूर्ण है।
उन्होंने योगी आदित्यनाथ व उनकी टीम को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि चौरी चौरा के इतिहास को आज जो स्थान दिया जा रहा है, वह प्रशंसनीय है।
PM मोदी ने कहा कि चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव के शुभारम्भ के साथ ही, पूरे वर्ष विभिन्न कार्यक्रम होंगे। देश की आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश के समय यह कार्यक्रम अत्यन्त प्रासंगिक हैं। चौरी चौरा की घटना आम मानवी का स्वतःस्फूर्त संग्राम था।
19 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गयी हो
इस संग्राम के शहीदों का बलिदान प्रेरणादायी है। बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी कम घटनाएं होंगी, जिसमें 19 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी गयी हो।
अंग्रेज सरकार अनेक स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी देना चाहती थी, किन्तु बाबा राघवदास, महामना पं0 मदन मोहन मालवीय के प्रयासों से 150 से अधिक लोगों को फांसी से बचा लिया गया।
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