दिल्ली पुलिस ने जारी किया बयान, ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ दर्ज नहीं की गई है FIR, लेकिन…

स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पर एफआईआर दर्ज करने वाली खबरों पर दिल्ली पुलिस ने बयान जारी किया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि, एफआईआर की गई है लेकिन ये ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ नहीं है. पुलिस ने बताया कि, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान टूलकिट मिला है. टूलकिट के लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में किसी का नाम नहीं है. ये केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है.

स्वीडन की पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta thunberg) पर एफआईआर दर्ज करने वाली खबरों पर दिल्ली पुलिस ने बयान जारी किया है. दिल्ली पुलिस की तरफ से कहा गया है कि, एफआईआर की गई है लेकिन ये ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ नहीं है. पुलिस ने बताया कि, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग के दौरान टूलकिट मिला है. टूलकिट के लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में किसी का नाम नहीं है. ये केवल टूलकिट को बनाने वालों के खिलाफ है.

दिल्ली पुलिस की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को लेकर ग्रेटा थनबर्ग (Greta thunberg) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा, मैं अब भी किसानों के साथ हूं, और उनके शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती हूं. कोई भी धमकी, नफरत या फिर मानवाधिकारों के उल्लंघन की कोशिश से यह कतई नहीं बदलेगा.

नए कृषि कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से किसान आंदोलन कर रहे हैं. जिसको लेकर विदेशों तक हंगामा हो रहा है. इस आंदोलन को लेकर कई विदेशी हस्तियों ने भी टिप्पणी की है. इस बीच स्वीडन की रहने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta thunberg) के किए गए भड़काऊ ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है. ग्रेटा पर दर्ज हुई एफआईआर को लेकर दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस भी कर सकती है.

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दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ धारा- 120 A, 120 B के तहत केस दर्ज किया है. बता दें कि, ग्रेटा ने अपने ट्वीट में भारत की सत्तारूढ़ पार्टी पर सवाल खड़े करते हुए लिखा था कि, भारत सरकार पर किस तरह से दबाव बनाया जा सकता है. इसके लिए ग्रेटा ने ने अपनी कार्ययोजना से संबंधित एक दस्तावेज भी शेयर किया था. जिसको लेकर काफी बवाल हुआ था.

वहीं विदेशी हस्तियों के ट्वीट को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा था कि, ये देखकर दुख हुआ कि, कुछ संगठन और लोग अपना एजेंडा चलाने के लिए इस तरह के बयान जारी करते हैं. इसलिए उन लोगों को पहले तथ्यों और परिस्थितियों को समझना चाहिए फिर कोई टिप्पणी करना चाहिए.

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