26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा पर सुनवाई करने से SC ने किया इंकार, सीजेआई ने कहा- हमने पीएम मोदी को…
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में भड़की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि, ये अपील सरकार से की जाए.
गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में भड़की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा है कि, ये अपील सरकार से की जाए. सुनवाई के दौरान सीजेआई ने याचिकाकर्ता से कहा, हमें उम्मीद है कि सरकार इस मामले में एक्शन ले रही है, ऐसे में हम इस मामले में दखल नहीं देना चाहते हैं आप सरकार के सामने जाकर ये अपील कर सकते हैं. सीजेआई ने यह भी कहा कि, उन्होंने पीएम मोदी के भाषण को सुना है. कानून अपना काम करेगा.
कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि, उनका आंदोलन कमजोर नहीं हुआ है, हमारी लड़ाई लगातार जारी है. हम किसी के दबाव में आकर आंदोलन को खत्म नहीं करेंगे. सरकार जबतक कानूनों को वापस नहीं लेती है तबतक हम पीछे नहीं हटेंगे. राकेश टिकैत ने कहा कि, 6 फरवरी को दिल्ली घेरने का हमारा कोई इरादा नहीं है. सिर्फ किसान अपनी-अपनी जगहों पर सड़क बंद करेंगे और प्रशासन को ज्ञापन देंगे.
भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा, जवानों को किसानों के साथ जानकर लड़ाया जा रहा है. लेकिन दिल्ली-एनसीआर के पास किसान कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे किसी तरह की स्थिति बिगड़े और पुलिस हमारे साथ लड़े. इसके साथ ही उन्होंने कहा, अगर सरकार चाहती है कि दबाव में हम आंदोलन वापस ले लेंगे तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं होने वाला है. हम किसी के दबाव में आकर झुकने वाले नहीं हैं.
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किसान नेता ने कहा, ये आंदोलन सिर्फ बातचीत से खत्म होगा. हम अपने मुद्दों पर आज भी कायम हैं, दिल्ली के अंदर जाने का हमारा कोई प्लान नहीं है. उन्होंने कहा, पुलिस दिल्ली की सीमाओं पर बैरिकेडिंग लगा रही है, कील और बाड़बंदी कर रही है, लेकिन हम दिल्ली जा ही नहीं रहे हैं. ऐसे में इससे सिर्फ आम जनता को परेशानी होगी.
राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा, हम बहुत दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, हर कोई कहता है कि, संसद जाएंगे, लेकिन कोई जाता नहीं है. जो लालकिले पर गए उनको रास्ता किसने दिया. लालकिले पर झंडा फहराने की साजिश रची गई, जिससे किसानों को बदनाम किया जा सके.
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