दिल्ली : आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास ने EMI चुकाने को लेकर देशवासियों को दी बड़ी राहत
नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने रेपो रेट में 0.40% की कटौती करने का ऐलान किया। लिहाजा अब रेपो रेट 4.40% से घटकर 4% हो जाएगा।
वहीं, रिवर्स रेपो रेट 3.75% से घटाकर 3.35% किया। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में वोट दिया। कमेटी की बैठक 3 जून से होनी थी, लेकिन पहले ही कर ली गई।
11 साल के सबसे निचले स्तर पर पीएमआई: शक्ति कांत दास
कोरोनावायरस की वजह से दुनिया की अर्थव्यवस्था को नुकसान हुआ है। अप्रैल में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई घटकर 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया। डब्ल्यूटीओ के मुताबिक, दुनिया में कारोबार इस साल 13-32% तक घट सकता है।
दो महीने के लॉकडाउन से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इंडस्ट्री वाले टॉप-6 राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड और ऑरेंज जोन में हैं। इन राज्यों की इंडस्ट्री का आर्थिक गतिविधियों में 60% कॉन्ट्रिब्यूशन होता है।
कोरोना के असर को देखते हुए 2020-21 की पहली छमाही में जीडीपी ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है। दूसरी छमाही में कुछ तेजी आ सकती है।
आरबीआई लगातार हालात पर नजर रख रहा है। इकोनॉमी के सभी सेगमेंट पर हमारी टीम की नजर है। फरवरी में हमने कहा था कि कोरोना की वजह से ग्लोबल ग्रोथ में गिरावट आएगी। तब से आरबीआई ने लिक्विडिटी के मोर्चे पर कई फैसले लिए।
कोरोनावायरस संबंधी उपायों से निपटने के लिए पिछले दो महीनों में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की यह तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है।
आरबीआई गवर्नर ने पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस 27 मार्च और दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस 17 अप्रैल को की थी। इन दोनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी।
कोरोना आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने करीब 21 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया है।
आरबीआई गवर्नर शक्ति कांत दास ने EMI चुकाने को लेकर देशवासियों को दी बड़ी राहत. अगले तीन महीने तक नहीं देनी पड़ेगी की किश्त।
इसमें गरीब मजदूरों को नकद कैश और अनाज, एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपए की क्रेडिट गारंटी, एनबीएफसी-एमएफआई को क्रेडिट गारंटी, मनरेगा मजदूरों के लिए अतिरिक्त आवंटन समेत किसानों के लिए कई उपाय किए गए हैं। यह प्रोत्साहन पैकेज भारत की जीडीपी के करीब 10.5 फीसदी के बराबर है।
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