Budget 2021: मोबाइल फोन समेत इलेक्ट्रॉनिक के ये सामान होंगे महंगे, जानें, कब से बढ़ेंगे दाम ?
मोदी सरकार ने आम बजट पेश कर दिया है. इस बजट (Budget) में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च को बढ़ाया गया है. लेकिन इस खर्च की भरपाई के लिए सरकार ने कई अन्य चीजों पर टैक्स का बोझ भारी कर दिया है.
मोदी सरकार ने आम बजट पेश कर दिया है. इस बजट (Budget) में स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाले खर्च को बढ़ाया गया है. लेकिन इस खर्च की भरपाई के लिए सरकार ने कई अन्य चीजों पर टैक्स का बोझ भारी कर दिया है. इसके अलावा कृषि सेस भी लगा दिया है. जो 2 फरवरी 2021 से लागू हो जाएगा. आइये जानते है इस बजट के बाद आम आदमी की जेब पर कितना असर पड़ने वाला है.
बजट (Budget) में मोबाइल से जुड़े विभिन्न कलपुर्जों पर सीमाशुल्क को 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इसके अलावा चार्जर बनाने में उपयोग होने वाले उपकरणों में लीथियम आयन बैट्री, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशन के कंप्रेशर, एलईडी बल्ब, सोलर इन्वर्टर, सोलर लालटेन पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाया गया है.
बजट (Budget) में चमड़ा पर सीमा शुल्क को 10 फीसदी कर दिया गया है. पहले इसपर कोई कस्टम शुल्क नहीं लगता था. वहीं सेब पर 35 प्रतिशत और खाद पर 5 फीसदी का एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है.
कॉटन के कपड़े पहनने वालों को अब अपना शौक पूरा करने के लिए ज्यादा कीमत चुकानी पड़ेगी. सरकार ने बजट (Budget) में कॉटन पर सीमा शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 5% और कच्चे रेशम पर 10% से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया है.
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वहीं सरकार ने सोने-चांदी पर उत्पाद शुल्क दरों में कटौती की है. इसे 12.5 से घटाकर 7.5 फीसदी कर दिया गया है. ऐसे में सोने-चांदी के सस्ते होने की संभावना है. लेकिन सरकार ने इसी के साथ सोने और चांदी पर 2.5 फीसदी एग्री इन्फ्रा सेस लगाया गया है. सेस की वजह से अभी तत्काल में कीमतें बढ़ने की उम्मीद हैं लेकिन अप्रैल से सस्ता हो सकता है.
वहीं शराब पीने वालों के लिए बुरी खबर है. क्योंकि अब शराब पीने के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे. सरकार ने बजट (Budget) में कहा है कि, एल्कोहॉलिक बेवरेज पर 100 फीसदी एग्री इन्फ्रा सेस लगाया जाएगा. ये सेस 2 फरवरी से प्रभावी हो जाएगा.
पेट्रोल-डीजल पर भी एग्री इन्फ्रां सेस लगाया गया है. पेट्रोल पर 2.5 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 4 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से लगाया गया है. लेकिन इसका भार ग्राहकों पर नहीं पड़ेगा. क्योंकि सरकार ये सेस तेल कंपनियों से वसूलने की कोशिश करेगी.
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