जानिए क्यों अलीगढ़ में दूसरी जगह स्थापित हो रहा 500 साल पुराना प्राचीन मंदिर !

नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें सड़क चौड़ीकरण के बीच एक मोहकम बाबा का मंदिर आ रहा था। जिसका इतिहास 500 वर्ष का बताया जा रहा है।

अलीगढ़ जनपद के अकराबाद थाना क्षेत्र के कोल तहसील में पड़ने वाले नेशनल हाईवे से प्राचीन मोहकम बाबा के मंदिर को हटाकर गांव में ही स्थापित किया गया।

हाईवे निर्माण की वजह से अंडर पास का निर्माण कराने को लेकर मंदिर को दूसरी जगह स्थापित कराने का अधिकारी दे चुके थे सुझाव। जिसपर अमल करते हुए।

अधिकारियों ने पुराने थान पर जेसीबी चलाकर ध्वस्त कराया है

स्थानीय प्रशासन ने गांव निवासियों से वार्ता करने के उपरांत मंदिर को विधि विधान के साथ नेशनल हाईवे से जसरथपुर गांव में स्थापित कर दिया। जिसको लेकर गांव के लोगों में खुशी की लहर उमड़ पड़ी। अधिकारियों ने पुराने थान पर जेसीबी चलाकर ध्वस्त कराया है।

स्थानीय गांव के लोगों ने बताया कि हमें बहुत ख़ुशी है कि बाबा का मंदिर गांव में ही स्थापित किया गया है। एसडीएम कोल अनीता यादव के नेतृत्व में पुलिस प्रशासनिक अधिकारी व एनएचआई से जुड़े अधिकारी पहुंचे।

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फिर मूर्ति को नए मंदिर में प्रतिष्ठित कराया

वहां पर ग्रामीणों को भी बुलाया गया था। प्रशासन ने नए मंदिर के लिए बाउंड्री, स्ट्रक्चर समेत अन्य चीजों का निर्माण कराया था। वहां पर पहले हवन पूजन किया गया और फिर मूर्ति को नए मंदिर में प्रतिष्ठित कराया। ग्रामीण डीजे की धुनपुर थिरकते हुए मूर्ति को स्थापित किया। करीब दो से तीन घंटे तक कार्यक्रम चला और ग्रामीणों ने जमकर जश्न मनाया।

जिसका इतिहास 500 वर्ष का बताया जा रहा है

मामले को लेकर तहसीलदार कोल तहसील ने बताया कि नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य चल रहा है जिसमें सड़क चौड़ीकरण के बीच एक मोहकम बाबा का मंदिर आ रहा था। जिसका इतिहास 500 वर्ष का बताया जा रहा है।

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मंदिर के प्रति स्थानीय लोगों में काफ़ी आस्था है,,मंदिर को दूसरी जगह स्थानांतरित करने के लिए बहुत पहले से प्रयास किए जा रहे थे लेकिन कोई सहमति नहीं बन पा रही थी। फिर सभी लोगों से बातचीत करने के उपरांत मंदिर को दूसरी जगह स्थापित कर दिया गया।

गांव के स्थानीय लोगों के सहयोग की वजह से हमने विधिवत रूप से मंदिर की मूर्तियों को दूसरी जगह स्थापित कराया उसके बाद पुराने मंदिर को ध्वस्त कर दिया गया। अब नेशनल हाईवे 91 का कार्य आसानी से हो सकता है जो बाधा थी उसे हमने डोर कर दिया है।

रिपोर्ट -ख़ालिक़ अंसारी, अलीगढ़

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