दिल्ली हिंसा: अब ट्विटर ने उठाया बड़ा कदम, इन अकाउंट को किया सस्पेंड…

किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा को लेकर ट्विटर ने कुल 550 अकाउंट सस्पेंड कर दिए हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर 37 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

किसानों के ट्रैक्टर मार्च (tractor parade) के दौरान हुई हिंसा को लेकर ट्विटर ने कुल 550 अकाउंट सस्पेंड कर दिए हैं. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन में हुई हिंसा को लेकर 37 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है.

दिल्ली हिंसा में एक किसान की मौत होने को लेकर जारी विवाद के बीच उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, किसान की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि ट्रैक्टर के पलटने से हुई थी. रिपोर्ट में लिखा है कि, किसान की मौत की वजह उसके शरीर के अंदरूनी चोट लगने से हुई थी.

बता दें कि, 26 जनवरी को किसानों ने ट्रैक्टर रैली (tractor parade) निकाली थी. जिसके बाद अचानक से हिंसा से भड़क गई और एक किसान ट्रैक्टर से स्टंट कर रहा था. तभी ट्रैक्टर पलटने से उसकी मौत हो गई. जिसको लेकर कहा जा रहा था कि, किसान की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई थी.

किसान नेता वीएम सिंह ने ऐलान किया है कि उनका संगठन किसानों के आंदोलन से अलग हो रहा है. वीएम सिंह के संगठन का नाम राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ है. ये संगठन अब आंदोलन का हिस्सा नहीं होगा. वीएम सिंह ने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा. हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं. उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं. वीएम सिंह ने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए. उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या. उन्होंने धान की बात की क्या. उन्होंने किस चीज की बात की. हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है.

दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड (tractor parade) के दौरान भड़की हिंसा के बाद अब किसान (farmer) संगठनों की 1 फरवरी को संसद भवन तक होने वाली मार्च रद्द हो सकती है. किसानों (farmer) ने इस मार्च का ऐलान पहले ही किया था. लेकिन अब प्रदर्शन में हिंसा होने के बाद इस मार्च पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं. क्योंकि पहले ट्रैक्टर मार्च (tractor parade) को लेकर भी दिल्ली पुलिस इजाजत नहीं दे रही थी. लेकिन बाद में कुछ शर्तों के साथ रैली निकालने की अनुमति दी थी. लेकिन किसानों ने उन शर्तों को तोड़कर दिल्ली में घुस गए.

दिल्ली पुलिस (Delhi police) ने कई किसान (farmer) नेताओं के खिलाफ एक्शन लेना शुरू कर दिया है. पुलिस (Delhi police) ने किसान संगठनों के कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज की है. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उनमें योगेंद्र यादव, दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह उग्रा के नाम है. एफआईआर में बीकेयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का भी नाम है.

दिल्ली में किसानों (farmer) की परेड में हुई हिंसा को लेकर अभिनेता दीप सिद्धू (deep sidhu) पर आंदोलनकारियों को भड़काने के आरोप लग रहे हैं. खुद पर लगे आरोपों पर दीप सिद्धू (deep sidhu) ने बयान जारी किया है. दीप ने कहा है कि, लाल किले पर उन्होंने ही निशान साहिब का झंडा फहराया था. दीप ने बताया कि, रैली (tractor parade) के दौरान उन्होंने लालकिले पर दो झंडे लहराए थे. लेकिन उनका कहना है कि, सिर्फ उन्होंने झंडे लहराए हैं और किसानों (farmer) को किसी भी तरह से नहीं भड़काया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, तिरंगे का अपमान उन्होंने नहीं किया है सिर्फ झंडे लहराए हैं.दीप सिद्धू (deep sidhu) ने कहा कि, लाल किले पर झंडा फहराने के लिए वो अकेले जिम्मेदार हैं.

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दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों (farmer) की ट्रैक्टर रैली (tractor parade) के दौरान भड़की हिंसा में करीब 300 जवान बुरी तरह से घायल हो गए हैं. पुलिस (Delhi police) अब दंगाईयों की पहचान करके उनपर एफआईआर कर रही है. दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने अबतक 22 एफआईआर दर्ज की है. पुलिस (Delhi police) सीसीटीवी फुटेज के आधार पर दंगाईयों की पहचान करने में जुटी हुई है. इसके साथ ही सिंघु बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली में भड़की हिंसा के बाद सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारियों की संख्या भी कम होती जा रही है. वहीं दो बजे संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक होने वाली है.

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दिल्ली पुलिस (Delhi police) इस हिंसा की जांच के लिए एसआईटी बनाने की तैयारी कर रही है. एसआईटी हिंसा को लेकर सभी पहलुओं पर जांच करेगी. पुलिस मामले की तह तक जाकर उन लोगों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है जिन्होंने आंदोलन की आड़ में दिल्ली को दंगें की आग में झोंकने की साजिश रची थी. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान इन इलाकों में पुलिस कर्मी सबसे ज्यादा घायल हुए हैं. उत्तरी दिल्ली में 41, पूर्वी दिल्ली में 34, पश्चिमी दिल्ली में 27, द्वारका में 32, बाहरी-उत्तरी जिले में 12, शाहदरा में 5, दक्षिण जिले में 4 और 75 पुलिसकर्मी दिल्ली के बाहरी जिलों में घायल हुए हैं.

पुलिस (Delhi police) का कहना है कि, हिंसा के दौरान आईटीओ में एडिशनल डीसीपी सेंट्रल के ऑपरेटर पर तलवार से हमला किया गया था. प्रदर्शनकारियों ने कई बसों और करीब 20 प्राइवेट गाड़ियों में तोड़फोड़ की है.

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