लोकतंत्र की यही बिडम्बना है कि वोट भी दो और लाठी भी खाओ और बेमौत भी मरो- राम आसरे विश्वकर्मा पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी
योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश की सीमाओं को प्रवासी मजदूरों के लिए बन्द कर देने के फैसले पर पूर्व मंत्री समाजवादी पार्टी राम आसरे विश्वकर्मा ने कहा कि उप्र में अचानक सीमाओं को बंद करने का आदेश दे दिया क्योकि लाकडाउन में जो मजदूर फंस गये थे उन्हें खाने पीने का प्रबन्ध न होने के कारण वह वहां से किसी तरह निकल अपने घर जाना चाहते है।
लेकिन सरकार ने सीमा पर रोककर असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है। जो लोग बीच प्रदेश में फँसे हैं पुलिस उनको मारकर रोकने को मजबूर कर रही है।
जी हां यह वही मजदूर हैं जो चुनाव में अपने पोंलिग पर आकर वोट देकर सरकार बनाते है। तब उन्हें वोट देने के लिये किराया देकर सम्मान के साथ बुलाया जाता था। आज उन्हीं को घर जाने के लिये सरकार ने प्रबन्ध नहीं किया और अब वह पैदल साइकिल और ट्रको से निकल पड़े तो उन्हें रोका जा रहा है। लोकतंत्र की यही बिडम्बना है कि वोट भी दो और लाठी भी खाओ और बेमौत भी मरो।
सरकार का पैसा यानी जनता का पैसा अगर उनको घर भेजने में खाना खिलाने और ईलाज कराने मे सरकार लगाती तो लोगो का भला भी होता और सरकार का गुणगान भी होता।आखिर सरकार कब जागेगी और लोग कब समझेगे।
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