कोरोना की महामारी में ये हैं वे ’12 देवदूत’ जो अपनी जान की परवाह किये बगैर दिन रात कर रहे हैं जनता की सेवा
पूरा देश इस समय महामारी से जूझ रहा है. आकंड़े रोजाना बढ़ते ही जा रहे हैं. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में स्थिति अगर नियंत्रण में है तो इसका श्रेय इन 12 आईएएस/आईपीएस जो दिन रात एक कर प्रदेश के लिए देवदूत साबित हो हैं. आज हम इन्ही 12 देवदूतों के बारे में आपको बताने जा रहे हैं जो अपनी जान की परवाह किये बगैर प्रदेशवासियों की स्वास्थ और सुरक्षा में अपना जीवन न्यौछावर कर रहे हैं:-
- अवनीश अवस्थी (अपर मुख्य सचिव गृह यूपी) :-
कोरोना के इस संकट काल में अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी प्रदेश में मजबूरों और बेसहारों के लिए देवदूत के रूप में सामने आए हैं। अपर मुख्य सचिव गृह लगातार पूरे प्रदेश के अपडेट लेते रहते हैं. इतना ही नहीं से जरूरतमंदों को सही समय पर मदद पहुंचाना इनकी रोज की दिनचर्या सी हो गई है। पूरे प्रदेश की ज़िम्मेदारी के साथ साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश की स्थिति से समय समय पर अवगत कराना भी इनकी प्रमुख ज़िम्मेदारी में शामिल है.
- संजीव सिंह (जिलाधिकारी फतेहपुर) :-
देश में पिछले लगभग दो महीने से लॉक डाउन घोषित है. इन हालातों में ज़िले की पूरी ज़िम्मेदारी जिलाधिकारी की होती है और फतेहपुर जिलाधिकारी संजीव सिंह इस ज़िम्मेदारी को भली भांति निभा रहे हैं.
फतेहपुर जिलाधिकारी ने ज़िले में लॉकडाउन के अनुपालन की स्थिति, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण , थरियाव में स्थित अवस्थित कोविड -19 L-1 हॉस्पिटल तथा तहसील खागा में संचालित कम्युनिटी किचन का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं जिससे जिले में किसी भी व्यक्ति को समस्याओं का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी संजीव सिंह द्वारा हॉटस्पॉट राजस्व ग्राम – कोराई विकासखंड – मलवा में निरीक्षण कर लॉकडाउन एवं क्वॉरेंटाइन किए गए व्यक्तियों के संबंध में निरीक्षण किया गया। साथ में यह भी निर्देशित किया गया कि आने वाले व्यक्तियों को प्रत्येक दशा में 21 से 28 दिनों तक आइसोलेशन में रखा जाए ।
फतेहपुर जिलाधिकारी संजीव सिंह दिन रात मेहनत कर अपने ज़िले को कोरोना मुक्त बनाने में लगे हुए है. इसके लिए डीएम संजीव सिंह स्वयं सारी व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं. डीएम संजीव सिंह खुद कम्युनिटी किचन में जाकर वहां बनने वाले भोजन को खाकर उसकी गुडवत्ता परख रहे हैं.
- सुहास एलवाई( जिलाधिकारी नोएडा):-
सूबे में जब कोरोना संकट गंभीर होने लगा तो दिल्ली से सटे यूपी के जिले नोएडा में कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा। वहां की स्थिति काफी गम्भीर थी और वहां के तत्कालीन डीएम से स्थिति संभलते न देख वहां पर युवा IAS सुहास को भेजा गया। उन्होंने वहां का कार्यभार ग्रहण करते ही अपने शानदार फैसलों से न सिर्फ इस बीमारी के बढ़ते संक्रमण पर तेजी से लगाम लगाई बल्कि परेशान लोगों की मदद में भी हमेशा तत्पर रहे।
- अभिषेक प्रकाश (जिलाधिकारी लखनऊ):-
कोरोना ने जिस तेजी से राजधानी लखनऊ में अपना पैर फैलाना शुरू किया था वह काफी गम्भीर था । लेकिन डीएम लखनऊ IAS अभिषेक प्रकाश ने इसके रोकथाम के लिए काफी सराहनीय प्रयास किए। हांलाकि तबलीगी जमातियों की आवाजाही से लखनऊ में कोरोना के काफी मरीज सामने आए। लेकिन इसके बावजूद भी डीएम अभिषेक प्रकाश के शानदार मैनेजमेंट से इसे कंट्रोल किया जा सका। लॉक में जिले में जरूरतमंदों के लिए भी इनके कार्यों की काफी सराहना की जा रही है।
- महेंद्र बहादुर सिंह (जिलाधिकारी मैनपुरी):-
IAS महेंद्र बहादुर सिंह इस समय मैनपुरी के जिलाधिकारी हैं। महेंद्र बहादुर सिंह संकट की इस घड़ी में लोगों के लिए नजीर बनकर सामने आए हैं । महेंद्र बहादुर सिंह की शानदार कार्यशैली और लोगों की मदद करने की भावना काफी सराही जा रही है । सोशल मीडिया पर किसी भी जरूरतमंद के आवश्यकता की जानकारी होते ही ये स्वयं उसकी सहायता करने को रवाना हो जाते हैं। उन्होंने जिले भर में अपना सीयूजी नम्बर लिखवा रखा है जिससे लोग किसी भी मदद के लिए सीधे इन्हें काल कर सकें।
- राजकमल यादव (निदेशक आयुष):-
2013 बैच IAS अफसर राजकमल यादव इस समय आयुष विभाग के डायरेक्टर हैं। कोरोना संकट में लोगों को जागरूक करने व उससे बचाव के तमाम उपायों को बताने वाला आयुष कवच ऐप इस संकट में लोगों के लिए संजीवनी जैसा है। इस पूरे कार्यक्रम को संचालित करने वाले IAS राजकमल यादव लोगों की मदद में असली कोरोना योद्धा बनाकर सामने आए हैं।
- राजशेखर (MD रोडवेज):-
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के निदेशक राजशेखर के कार्य की भी काफी सराहना हो रही है। इस IAS ने संकट के समय से जिस गम्भीरता से मामले को हैंडल किया वह तारीफ़ के काबिल है। राजस्थान के कोटा में फंसे छात्रों को लाने का मामला हो या फिर बॉर्डर पर फंसे प्रवासियों को उनके घर तक पहुँचाने की स्थिति। हर समय इस IAS के शानदार फैसलों से लोगो को काफी मदद मिली।
- अनंतदेव तिवारी (डीआईजी कानपुर):-
जरायम की दुनिया के लोग आईपीएस अनंतदेव का नाम सुनकर ही कांपते हैं।अभी तक 60 एनकाउंटर कर चुके इस आईपीएस ने कई दिनों तक बीहड़ों की खाक छानने के बाद ददुआ जैसे जैसे बड़े अपराधी का खात्मा किया था। महशूर अपराधी ठोकिया समेत उसके साथियों को भी मार गिराने का कारनामा इन्होने ही किया था। लेकिन इस समय इनकी कार्यशैली लोगों के लिए एक मिसाल बनकर सामने आई है। रात-रात भर सड़कों पर घूमते हुए आईपीएस अनंतदेव कोरोना संकट में लोगों की मदद कर रहे हैं। इनकी अगुवाई में भूखों को खाना खिलाने से लेकर बीमार को दवा पहुंचाने में इन्होने एक मिसाल कायम की है।
- असीम अरुण (एडीजी डायल 112):-
कोरोना संकट में यूपी पुलिस की इमरजेंसी सेवा ने सेवाभाव की जो मिसाल कायम की है उसे लम्बे समय तक याद रखा जाएगा। डायल 112 के एडीजी असीम अरुण के शानदार मैनेजमेंट से यूपी पुलिस की ये इमरजेंसी सेवा लोगों की हर समस्या में देवदूत बनकर खड़ी है। IPS असीम अरुण सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते हैं . लोगों की किसी भी समस्या वह तुरंत मदद पहुंचाने के लिए सम्बंधित को आदेश देते हैं।
- अभिषेक यादव वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुजफ्फरनगर:-
उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर ज़िले में गरीबों के लिए मसीहा बनकर सामने आये हैं एसएसपी अभिषेक यादव। जहाँ एसएसपीअभिषेक यादव के निर्देशन में मुजफ्फरनगर पुलिस गली गली और झुग्गी झोपड़ियों में जाकर भूखों को खाना खिला रही है, इतना ही नहीं एसएसपी मुज़फ्फरनगर की टीम गरीब परिवार को जरूरत की सामग्री भी उपलब्ध करा रही है।
- प्रताप गोपेंद्र यादव (पुलिस अधीक्षक बागपत):-
देश मे लगे लॉकडाउन के मद्देनजर अगर सबसे ज्यादा किसी को परेशानी उठानी पड़ी है. वो है गरीब तबगे के लोग जो मास्क भी नही ले पा रहे. जिनके लिए अब बागपत पुलिस ने हाथ बढ़ाया है और बागपत पुलिस ने इसे ज़रूरतमंद लोगो के लिए 10 हजार मास्क बनाने का जिम्मा लेकर मास्क बनवाने का काम भी शुरू कर दिया है. दरअसल पुलिसअधीक्षक प्रताप गोपेन्द्र यादव ने पुलिस लाइन में प्राइवेट टेलर लगाकर मास्क का बनाने का काम शुरू कर दिया है.
- प्रशांत वर्मा( पुलिस अधीक्षक फतेहपुर):-
IPS प्रशांत वर्मा फतेहपुर के पुलिस अधीक्षक हैं। वह कोरोना संकट में जिले के लोगों के लिए देवदूत बनाकर सामने आए हैं। उन्होंने कोरोना संकट गंभीर होने से पहले ही उसे भांपते हुए जिले में तमाम जरूरी इंतजाम कर दिए थे। उन्होंने जिले के सभी पुलिस थानों व चौकियों के बाहर हाथ धोने के लिए वाशबेसिन बनवा दिए थे।
ये तरकीब काफी कारगर रही। दूसरी ओर वह खुद बाइक पर निकल कर जिले की गलियों-मुहल्लों में घूम कर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं. IPS प्रशांत वर्मा दिन रात एक करके ज़िले की सेवा में तत्पर हैं.
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