इन नियमों से करें हनुमान जी की पूजा, पूरी होगी सभी मनोकामना….
हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करता हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं।सबसे खास बात ये है कि हनुमान जी को प्रसन्न करना बेहद सरल है
हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देव हैं। जो भक्त सेवा भाव से हनुमान जी की सेवा करता हैं वो हनुमान जी की दया रूपी छाव में निश्चिंत हो जाता हैं।सबसे खास बात ये है कि हनुमान जी को प्रसन्न करना बेहद सरल है। कोई भी बाधा उनके स्मरण से ही दूर हो जाती है। हनुमान जी सभी सिद्धियों के दाता भी माने जाते हैं। उन्हे प्रसन्न करके कोई भी सिद्धि आैर शक्ति को प्राप्त की जा सकती है। सूर्य के शिष्य हनुमान जी बेहद ज्ञानी भी हैं। जानिए पूजा के नियम…..
-सबसे पहले हनुमान जी की साधना करने के लिए व्यक्ति को शुद्ध और पवित्र होना अनिवार्य है। वहीं हनुमान जी की साधना करने के लिए साधक को ब्रह्मचर्य का भी पालन करना जरूरी है।
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– हनुमान जी की साधना करते समय तिल के तेल में सिंदूर को मिलाकर ही उसका लेपन करना चाहिए और केसर युक्त लाल चन्दन लगाना चाहिए।
– हनुमान जी को चढ़ाने वाला प्रसाद भी शुद्ध देशी घी में बना होना चाहिए।
– हनुमान जी को पुष्प चढ़ाते समय ध्यान देना चाहिए कि उन्हें केवल लाल और पीले पुष्प ही चढ़ाना चाहिए। ऐसा भी माना जाता है कि – हनुमान जी गेंदा, सूर्यमुखी और कमल के पुष्प से बहुत प्रसन्न होते हैं।
– हनुमान जी की साधना में सामान्य रूप से दो तरह की माला का प्रयोग किया जाता है। जिसमें सात्विक कार्य की सफलता के लिए – रुद्राक्ष की माला का प्रयोग जबकि तामसी कार्य की सफलता के लिए मूंगे की माला का प्रयोग किया जाता है।
– जिस तरह से किसी भी साधना की सिद्धि के लिए ध्यान सबसे महत्वपूर्ण होता है उसी तरह से हनुमान जी की साधना में भी ध्यान का विशेष महत्व है।
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