IND Vs AUS: रोहित शर्मा ने बैटिंग से नहीं फील्डिंग से रच दिया ये इतिहास, बने दूसरे नंबर के खिलाड़ी…
टीम इंडिया के ओपनर रोहित शर्मा ने ब्रिस्बेन टेस्ट में बतौर फील्डर एक खास मुकाम हासिल किया है. रोहित ने मैच में कुल 5 कैच पकड़े. गाबा में एक टेस्ट में बतौर फील्डर रोहित शर्मा ने सबसे ज्यादा कैच पकड़ने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं.
टीम इंडिया के ओपनर रोहित शर्मा (Rohit sharma) ने ब्रिस्बेन टेस्ट में बतौर फील्डर एक खास मुकाम हासिल किया है. रोहित (Rohit sharma) ने मैच में कुल 5 कैच पकड़े. गाबा में एक टेस्ट में बतौर फील्डर रोहित शर्मा (Rohit sharma) ने सबसे ज्यादा कैच पकड़ने के मामले में संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर पहुंच गए हैं. पहले नंबर पर न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग हैं जिन्होंने ऑस्ट्रलिया के खिलाफ 6 कैच पकड़े थे. ये कारनामा फ्लेमिंग ने साल 1997 में किया था.
ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 294 रन बनाए. ऑस्ट्रेलिया ने इंडिया के सामने 328 रन का बड़ा लक्ष्य रखा है. ऑस्ट्रेलिया की ओर से स्मिथ ने सबसे ज्यादा 55 रन की पारी खेली. इसके अलावा वार्नर 48 रन बनाने में कामयाब रहे. सिराज ने 73 रन देकर पांच विकेट लिए जबकि शार्दुल ने 61 रन देकर चार विकेट लिए. भारत की ओर से रोहित शर्मा और शुभमन गिल की जोड़ी मैदान पर आ चुकी है.
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इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिस्बेन में खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच के तीसरी पारी में भारत की तरफ शार्दुल और वाशिंगटन की जोड़ी ने विरोधी टीम के धुरंधरों के होश उड़ा दिए. शार्दुल और सुंदर की जोड़ी ने 123 रनों की ऐतिहासिक पारी खेलते हुए टीम को संकट से निकाला. टेस्ट मैच में डेब्यू करने वाले वाशिंगटन सुंदर ने 62 रनों की शानदार पारी खेली तो वहीं शार्दुल ठाकुर ने 67 रन बनाए.
दोनों की इस ऐतिहासिक पारी को लेकर जमकर तारीफ हो रही है. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने भी इन दोनों की सराहना की है. पोंटिंग ने कहा कि, उन्होंने बल्लेबाजी के दौरान जिस तरह का जज्बा और धैर्य दिखाया वह शानदार था. उन्होंने खेल के दौरान कोई भी जोखिम उठाने से दूर रहे. उनकी साझेदारी शानदार थी. बिल्कुल वैसी जिसकी उस समय भारतीय टीम को जरूरत थी. वे कुछ टेस्ट अनुभव के साथ ऐसा करने में सफल रहे.
पोटिंग ने आगे कहा कि, ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी में आक्रमकता की कमी थी इसी वजह से निचले क्रम के भारतीय बल्लेबाज उसका फायदा उठाने में कामयाब रहे. उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि वे ज्यादा आक्रामक थे, उन्होंने ज्यादा शॉट गेंदें नहीं फेंकी जिससे भारतीय बल्लेबाजों को जमने का मौका मिला और उन्होंने इसका भरपूर फायदा उठाया.
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