किसानों ने बैठक में कहा- कमेटी स्वीकार नहीं, तो सरकार बोली, अब सिर्फ इस तरीके से निकलेगा हल…

लंच ब्रेक होने के बाद राकेश टिकैत ने कहा कि, बैठक में किसान संगठनों ने सरकार से साफ शब्दों में बता दिया है कि, उन्हें कमेटी स्वीकार नहीं है. जिसके बाद दोनों ने तय किया है कि, बातचीत के जरिए ही इस मसले का हल निकालेंगे.

किसान संगठनों के साथ सरकार की 9वें दौर की बैठक विज्ञान भवन में जारी है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, सरकार ने किसानों की कई बातें मानी हैं लेकिन किसान एक कदम भी आगे नहीं आए हैं. वहीं किसान लगातार कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. किसान संगठनों ने एक बार फिर से सरकार का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. इसके साथ ही सिख फॉर जस्टिस संगठन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपील की है कि, 26 जनवरी को उन्हें ट्रैक्टर रैली निकालने दिया जाए.

लंच ब्रेक होने के बाद राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि, बैठक में किसान संगठनों ने सरकार से साफ शब्दों में बता दिया है कि, उन्हें कमेटी स्वीकार नहीं है. जिसके बाद दोनों ने तय किया है कि, बातचीत के जरिए ही इस मसले का हल निकालेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि लंच के बाद एमएसपी और कृषि कानून पर चर्चा होगी.

किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने बयान दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे. आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, जो लालकिले तक होगी.

यह भी पढ़ें- बैठक में किसानों के सख्त रुख से कानून वापस लेगी सरकार ?

इस बैठक में किसान सगंठनों की तरफ से उनके नेता बातचीत के लिए शामिल हुए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता शुरू होने से पहले कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वह स्वागत करते हैं और सरकार की ओर से अदालत द्वारा गठित कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि, सरकार चाहती है कि,मामला जल्द बातचीत के जरिए निपटे.

बातचीत के लिए पहुंचे भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि, सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी. वहीं केंद्र सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर से उम्मीद जताई है कि, बातचीत के जरिए समाधान जरूर निकलेगा.

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