बैठक में किसानों के सख्त रुख से कानून वापस लेगी सरकार ?
किसान संगठनों के साथ सरकार (government) की 9वें दौर की बैठक विज्ञान भवन में जारी है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री (cabinet minister) ने कहा कि, सरकार ने किसानों की कई बातें मानी हैं लेकिन किसान एक कदम भी आगे नहीं आए हैं. वहीं किसान लगातार कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं.
किसान संगठनों के साथ सरकार (government) की 9वें दौर की बैठक विज्ञान भवन में जारी है. इस दौरान केंद्रीय मंत्री (cabinet minister) ने कहा कि, सरकार ने किसानों (farmer) की कई बातें मानी हैं लेकिन किसान एक कदम भी आगे नहीं आए हैं. वहीं किसान लगातार कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. किसान संगठनों ने एक बार फिर से सरकार (government) का प्रस्ताव ठुकरा दिया है. इसके साथ ही सिख फॉर जस्टिस संगठन ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपील की है कि, 26 जनवरी को उन्हें केसरी ट्रैक्टर रैली निकालने दिया जाए. वहीं सरकार ने फिर से कानूनों को लेकर दोहराया है कि, कानून वापस नहीं होंगे, जिसपर किसानों (farmer) ने कहा कि, कानून तो वापस लेना ही पड़ेगा. किसान (farmer) बैठक में सख्त रुख अपना रहे हैं. जिससे एक बात तो साफ हो गई है सरकार और किसान किसी भी कीमत पर पीछे हटने को राजी नहीं होंगे.
कृषि कानून को लेकर सरकार (government) के साथ किसानों की 9वें दौर की बैठक दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में शुरू हो गई है. इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री (cabinet minister) नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा कई (cabinet minister) मंत्री हिस्सा ले रहे हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया है कि अगर सुप्रीम कोर्ट कहेगा तो किसान अपनी रिपब्लिक डे वाली ट्रैक्टर परेड को वापस ले लेंगे. आपको बता दें कि किसानों ने कृषि कानून के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने का ऐलान किया है, जो लालकिले तक होगी.
इस बैठक में किसान सगंठनों की तरफ से उनके नेता बातचीत के लिए शामिल हुए हैं. केंद्रीय कृषि मंत्री (cabinet minister) नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता शुरू होने से पहले कहा कि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वह स्वागत करते हैं और सरकार की ओर से अदालत द्वारा गठित कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे. उन्होंने कहा कि, सरकार (government) चाहती है कि,मामला जल्द बातचीत के जरिए निपटे.
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बातचीत के लिए पहुंचे भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना होगा और एमएसपी पर लिखित गारंटी देनी होगी. वहीं केंद्र सरकार के कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने एक बार फिर से उम्मीद जताई है कि, बातचीत के जरिए समाधान जरूर निकलेगा.
बता दें कि, सरकार (government) और किसानों की ये बैठक कमेटी के गठन के बाद हो रही है. कमेटी को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है. किसानों का कहना है कि, कमेटी में उन्हीं लोगों को शामिल किया गया जो पहले से कानून के हिमायती रहे हैं और इन्हें सही ठहराते रहे हैं. ऐसे में किसान (farmer) कमेटी के सामने पेस नहीं होंगे. वहीं कमेटी में शामिल होने वाले चार सदस्यों में एक भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया है.
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