किसानों ने दिल्ली सरकार से मांगे 5 लाख तिरंगे झंडे, बताई ये वजह…

दिल्ली सरकार से 5 लाख तिरंगे झंडे की मांग की है. 26 जनवरी को पुलिस का डंडा भी खाली नहीं रहेगा. 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर दिल्ली जाने से कौन सा कानून रोकेगा यह देखना होगा.

पिछले 50 दिन से कृषि कानून के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान (farmers) पीछे हटने को तैयार नहीं हो रहे हैं. किसानों का कहना है कि, सरकार कानून वापस ले ले हम घर वापस चले जाएंगे. वहीं इसी बीच गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) का बड़ा बयान आया है. राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा है कि, जो भी इस आंदोलन में खालिस्तान और पाकिस्तान की मांग करने के लिए आए हैं वो चले जाएं. राकेश टिकैत ने कहा कि, आंदोलन को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं कि, उनको फंडिंग की जा रही है ऐसे में पूछना चाहता हूं कि, किस फंडिंग की बात की जा रही है, हमारा खाना गांव से आता है तो फिर इसमें फंडिंग की बात कहां से आ गई. फिलहाल आंदोलन कब तक चलेगा इसका कुछ पता नहीं है.

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बीकेयू नेता राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि, सरकार स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू कर दें हमारा आंदोलन खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि, हमने दिल्ली सरकार से 5 लाख तिरंगे झंडे की मांग की है. 26 जनवरी को पुलिस का डंडा भी खाली नहीं रहेगा. 26 जनवरी को ट्रैक्टर पर तिरंगा लगाकर किसानों (farmers) को दिल्ली जाने से कौन सा कानून रोकेगा यह देखना होगा. किसान ट्रैक्टर के जरिए तिरंगा झंडा बनाकर दिखाएंगे.

बता दें कि, सितंबर महीने में केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि से संबंधित तीन कानूनों को पास किया था. जिसके बाद से किसान (farmers) संड़कों पर उतर आए और उन्होंने इन कानूनों को किसान के विरुद्ध बताकर उनकी खिलाफत करने लगे. तभी ये सरकार और किसान (farmers) आमने-सामने आ गए हैं.

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