आजमगढ़ में छोटे राम रहीम बाबा के आतंक से खौफ में फौजी का परिवार !
हरियाणा के बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम आप शायद अभी तक नहीं भूले होंगे. बाबा राम रहीम के लाखों में समर्थक उसके एक इशारे पर जान लेने और देने के लिए तैयार हो जाते थे. बाबा राम रहीम पर हत्या, रेप और जमीन हड़पने के दर्जनों मामले दर्ज थे.
हरियाणा के बाबा गुरमीत सिंह राम रहीम (Ram raheem) को आप शायद अभी तक नहीं भूले होंगे. बाबा राम रहीम (Ram raheem) के लाखों में समर्थक उसके एक इशारे पर जान लेने और देने के लिए तैयार हो जाते थे. बाबा राम रहीम पर हत्या, रेप और जमीन हड़पने के दर्जनों मामले दर्ज थे. लेकिन पुलिस और सरकार उसके खिलाफ एक्शन लेने में सौ बार सोचती थी. कुछ ऐसा ही नजारा आजकल उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में भी दिखाई दे रहा है. यहां पर एक दूसरे बाबा का खौफ पुलिस-प्रशासन और जनता के बीच फैला हुआ है. तेजेन्द्र कुमार सिंह उर्फ छोटे राम रहीम बाबा (Ram raheem) के नाम से चर्चित इस शख्स के सामने जिले की पुलिस और प्रशासन नतमस्तक दिखाई दे रहा है. इसका जीता जागता उदाहरण इंसाफ के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा एक फौजी का परिवार है. जिसने जिला प्रशासन से लेकर आईजीआरएस पोर्टल तक न्याय की गुहार लगाई लेकिन बाबा के रसूख के आगे उसे इंसाफ नहीं मिल रहा है.
बता दें कि, थाना रानी की सराय इलाके के कोठिया गांव के रहने वाले फौजी हरिशंकर यादव का आरोप है कि, तेजेन्द्र कुमार सिंह उर्फ छोटे राम रहीम (Ram raheem) जो कि, प्राइमरी स्कूल का प्रधानाध्यपक है और उसका एक कॉलेज चलता है जिसका प्रबंधक है, उसके कॉलेज में हरिशंकर यादव की बेटी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी. लेकिन जब मार्कशीट लेने गई तो उसे मार्कशीट देने से मना कर दिया गया और कहा गया कि, मार्कशीट में कुछ गलतियां हो जाने की वजह से बोर्ड को भेजा गया था. जो आने के बाद मिलेगी. इस तरह से छात्रा को कई बार दौड़ाया गया लेकिन मार्कशीट नहीं दी गई. परिजनों का आरोप है कि, तेजेन्द्र कुमार सिंह (Ram raheem) छात्राओं की मार्कशीट गलत नियत से रोक कर रखता है और फिर जब छात्राएं मार्कशीट लेने जाती हैं तो उनके साथ अभद्रता करता है और दुराचार की मंशा जाहिर करता है. तेजेन्द्र कुमार सिंह (Ram raheem) पर एक दलित लड़की से रेप का आरोप भी लग चुका है जिसमें उसपर थाना रानी की सराय में मुकदमा भी दर्ज है. इस मामले में आरोपी बाबा ने जमानत ले रखी है.
हाईकोर्ट के ऑर्डर के बाद मिली मार्कशीट
फौजी अपनी बेटी की मार्कशीट लेने के लिए जिले की पुलिस-प्रशासन से लेकर हाइकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट के आदेश के बाद छात्रा को उसकी मार्कशीट तेजेन्द्र कुमार सिंह उर्फ छोटे राम रहीम (Ram raheem) ने दी.
बेटे को मारी गोली
पीड़ित हरिशंकर यादव का आरोप है कि, तेजेन्द्र कुमार सिंह (Ram raheem) की संस्था से सटी उनकी कुछ जमीन है जिसपर बाबा कब्जा करना चाहता है. क्योंकि उससे पहले आसपास की तमाम जमीन पर उसने रसूख के दम पर अवैध कब्जा कर रखा है. अब उनकी जमीन पर नजर गड़ाए हुए है. इसीलिए उसने हरिशंकर यादव के बेटे को जान से मारने की कोशिश भी कर चुका है जिसमें उनका बेटा बाल-बाल बचा था. बेटे को बाबा ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर से दो गोलियां मारी थी. ये घटना 13 अगस्त 2017 को हुई थी. जब पीड़ित परिवार ने घटना की सूचना पुलिस को दी तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा पीड़ित परिवार को हिरासत में ले लिया जिसमें हरिशंकर यादव, उनकी पत्नी और उनका बेटा शामिल था. बाद में पत्नी को पुलिस ने छोड़ दिया लेकिन हरिशंकर यादव और उनके बेटे अजय यादव को 9 फरवरी 2020 को जेल भेज दिया. 19 दिनों तक जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली. पीड़ित का आरोप है कि, उनपर सुलह के लिए पुलिस दबाव बना रही थी लेकिन जब उन्होंने मना कर दिया तो पुलिस ने जेल भेज दिया.
बाबा का आपरााधिक इतिहास
बाबा छोटे राम रहीम (Ram raheem) पर कई आपराधिक मुकमदे दर्ज हैं. जिनमें थाना रानी की सराय में धारा 419, 420, 467, और 471 में साल 2013 से दर्ज हैं. इस मामले को लेकर तत्कालीन सीडीओ आजमगढ़ ने सिद्ध किया था कि, बाबा ने सरकारी पैसे एक करोड़ 26 लाख रुपये का गबन किया था. इस मामले की पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.
बाबा (Ram raheem) ने अपने राज बहादुर सिंह स्मारक महाविद्यालय में फर्जी तरीके से बच्चों का एडमिशन करवाया और फर्जी प्रवेश पत्र बांट दिए. जिसकी वजह से छात्र परीक्षा नहीं दे पाए और उनका भविष्य खतरे में पड़ गया. प्रशासन ने जब दबाव बनाया तो बाबा ने छात्रों से वसूली गई फीस वापस किए. लेकिन प्रशासन ने उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया.
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छोटे राम रहीम बाबा अपने संस्था से सटी अरविंद कुमार पुत्र गीता प्रसाद और करुना निधि पुत्र गीता प्रसाद की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करके बैठा हुआ है. पीड़ित ने इसके लिए प्रशासन से गुहार लगाई लेकिन बाबा के रसूख के आगे उनकी एक भी नहीं सुनी गई.
अब पीड़ित परिवार ने इन मामलों की सीबीआई जांच की गुहार लगा रहा है. पीड़ित परिवार ने सीबीआई जांच के लिए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कार्यालय पत्र लिखा है. इसके साथ ही मामले की जांच कराने और इंसाफ दिलाने के लिए सीएम के आईजीआरएस पोर्टल पर भी करीब 10 बार शिकायत की लेकिन किसी भी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया गया.
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