कोर्ट के फैसले के बाद किसान नेता का बड़ा बयान, कहा- सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो…

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने और कमेटी के गठन के फैसले के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने आज यानी मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने और कमेटी के गठन के फैसले के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने आज यानी मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि यह आंदोलन जारी रहेगा। राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि देश के किसान (Farmers) कोर्ट के फैसले से निराश हैं। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी। गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी।

किसानों को हटाने की कोशिश की तो…

उन्होंने कहा कि वे किसानों (Farmers) के साथ बातचीत करने के बाद तय करेंगे कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के पास जाएंगे या नहीं। किसान नेता टिकैत ने आगे कहा कि यदि सरकार ने जबरदस्ती किसानों को हटाने की कोशिश की तो इसमें दस हजार लोग मारे जा सकते हैं।

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राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने किया ट्वीट

राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने ट्वीट किया, माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे है। अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी। देश का किसान इस फैसले से निराश हैं। राकेश टिकैत (Rakesh tikait) ने कहा कि किसानों (Farmers) की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा।

अदालत में हरीश साल्वे की ओर से कहा गया कि 26 जनवरी को कोई बड़ा कार्यक्रम ना हो, ये सुनिश्चित होना चाहिए। जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि दुष्यंत दवे की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि रैली-जुलूस नहीं होगा। हरीश साल्वे ने इसके अलावा सिख फॉर जस्टिस के प्रदर्शन में शामिल होने पर आपत्ति जताई और कहा कि ये संगठन खालिस्तान की मांग करता आया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि वो ऐसा फैसला जारी कर सकते हैं जिससे कोई किसानों की जमीन ना ले सके।

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कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान के बीच चल रहे टकराव के मसले को सुलझाने के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है। इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस समस्या के समाधान के लिए कमेटी बनाने का कहा है. कमेटी बनती है तो उसमें सिर्फ पंजाब के किसान ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसान संगठनों से बातचीत की जाएगा। देश के कई राज्यों के किसानों (Farmers) ने इस बिल का समर्थन किया है। ऐसे में प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसानों को आशंका है कि उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा।

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