श्री काशी विश्वनाथ मंदिर : टूटी 300 साल पुरानी काशी विश्वनाथ मंदिर की परंपरा

पूरे देश में इस लॉक डाउन चल रहा है. ऐसे में पूरे देश में सभी मंदिरों के कपाट बंद है. ऐसे हालातों में आज 300 साल पुरानी प्रथा टूट काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक और महंत परिवार के वरिष्ठ सदस्य शशि भूषण त्रिपाठी का कहना है कि उनका परिवार मंदिर की सप्त ऋषि आरती (Saptarshi-Aarti) हजारों वर्षों से करता आ रहा है, लेकिन गुरुवार को प्रशासन ने उन्हें आरती के लिए जाते वक्त रोक दिया। उनका आरोप है कि प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कैलाश मंदिर के मामले में उच्च अधिकारियों से शिकायत की है, इसलिए उनका प्रवेश रोका गया है।

बताया जाता है कि बुधवार की देर रात कैलाश मंदिर के क्षतिग्रस्त होने की अफवाह के बाद से ही माहौल में तनावपूर्ण हो गया था। है। महंत परिवार के सदस्यों का कहना है कि आरती के मुख्य अर्चक गुड्डू महाराज ने ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर चार पर बुलाया। साथ ही पुलिस से इस बारे में बात की, लेकिन उनकी कोई दलील नहीं सुनी गई। मजबूरन उन्हें सड़क पर सप्तर्षि आरती करनी पड़ी।

महाराज ने ज्ञानवापी स्थित गेट नंबर चार पर बुलाया। साथ ही पुलिस से इस बारे में बात की, लेकिन उनकी कोई दलील नहीं सुनी गई। मजबूरन उन्हें सड़क पर सप्तर्षि आरती करनी पड़ी।

विश्वनाथ मंदिर के सप्तॠषि आरती के अर्चको को सुरक्षा कर्मियों ने मंदिर आरती करने जाने से रोका अर्को गेट नं 1 ढुढिराज पर रूके। मंदिर प्रशासन ने कहा अर्चको की जगह मंदिर के कर्मचारियों से करायी जायगी आरती. आरती पर रोक लगाने के बाद नाराज अचको ने सड़क पर ही बैठ कर आरती की.

प्रशासन ने कैलाश मंदिर के गुंबद क्षतिग्रस्त होने की खबर को बताया भ्रामक तथा असत्य :-

प्रशासन ने बताया कि दिनांक 7-5-2020 को दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर बाबा दरबार के रेड जोन में स्थित  कैलाश मंदिर का गुंबद क्षतिग्रस्त होने की खबर के दृष्टिगत अधोहस्ताक्षरी द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया. जिसमें प्रकाशित खबर पूरी तरह से भ्रामक युक्त है. मौके पर लोगों द्वारा बताया गया कि यह खबर दैनिक जागरण के स्थानीय समाचार में तथाकथित पत्रकार श्री काशी मिश्रा एवं मंदिर के सप्तऋषि आरती के पुजारी शशि भूषण तिवारी उर्फ गुड्डू, महाराज विनोद महाराज, जयशंकर त्रिपाठी, हिमांशु त्रिपाठी, इंद्र भूषण त्रिपाठी व राजेंद्र त्रिपाठी उर्फ बबलू त्रिपाठी के द्वारा झूठी खबर फैलाकर मंदिर एवं श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के विरुद्ध साज़िशन अफवाह फैलाई गई. इन लोगों के साथ मंदिर के सेवादार गोलू जो सुलभ इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से निशुल्क सफाई का कार्य करता है वह भी इनके साथ साजिश में शामिल रहा.

जबकि जो खबर प्रकाशित की गई वह पूरी तरह से आधारहीन है. इस प्रकार इन सभी खबरों के द्वारा जनता के मध्य धार्मिक भावनाओं को भड़काने बेवजह जनता को एक जगह इकट्ठा होने के लिए प्रेरित करने एवं वैश्विक महामारी कोविड 19 के नियमों को तोड़कर महामारी को फैलाने कि प्रेरित करने एवं नियमों को तोड़कर महामारी को फैलाने की साजिश की गई.

ये सभी लोग मंदिर के विरुद्ध गहरी साजिश के तहत धार्मिक भावनाओं को भड़काने के दोषी हैं. सभी लोगों के सभी प्रकार के पास जो मंदिर एवं श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद वाराणसी में आने जाने हेतु निर्मित किए गए थे उन्हें तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है.

 

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