क्यों मनाई जाती है लोहड़ी ? जानिए मान्यता

भारत में हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

भारत में हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल लोहड़ी का पर्व 13 जनवरी को मनाया जाएगा।लोहड़ी के दिन आग में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाई जाती हैं। आग के चारों तरफ चक्कर लगाकर सभी लोग अपने सुखी जीनव की कामना करते हैं। लोहड़ी की खास बात ये भी है कि इस पर्व में संगीत और नृत्य का तड़का इसे और भी खूबसूरत बना देता है।

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क्‍यों मनाई जाती है लोहड़ी?
लोहड़ी को लेकर कई मान्‍यताएं प्रचलित हैं। एक पौराणिक मान्‍यता के अनुसार प्रजापति दक्ष ने अपनी पुत्री सती के पति महादेव शिव शंकर का तिरस्‍कार किया था। राजा ने अपने दामाद को यज्ञ में शामिल नहीं किया। इसी बात से नाराज होकर सती ने अग्निकुंड में अपने प्राणों की आहुत‍ि दे दी थी। कहते हैं कि तब से ही प्रायश्चित के रूप में लोहड़ी मनाने का चलन शुरू हुआ। इस दिन विवाहित कन्‍याओं को घर आमंत्रित कर यथाशक्ति उनका सम्‍मान किया जाता है। उन्‍हें भोजन कराया जाता है, उपहार दिए जाते हैं और श्रृंगार का सामान भी भेंट स्‍वरूप दिया जाता है।

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