BJP पर हमलावर हुए सपा प्रमुख, पूछा- किसानों पर और कितना जुल्म करेगी भाजपा की डबल इंजन सरकार?
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि भाजपा सरकार की किसान संगठनों के साथ बेनतीजा वार्ता के बाद फिर अगली तारीख हो गई।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि भाजपा सरकार की किसान संगठनों के साथ बेनतीजा वार्ता के बाद फिर अगली तारीख हो गई। हर बार आधा दिन गुजार कर 02:00 बजे बैठक करने से ही लगता है कि भाजपा सरकार आधे मन से आधे समय काम करके इस आंदोलन को भटकाना चाहती है। किन्तु सत्ता का दम्भ तोड़ने वाले किसानों का हौसला टूटने वाला नहीं है।
भविष्य बचाने के संघर्ष में बलिदान कर रहे हैं किसान
सपा प्रमुख (Akhilesh Yadav) ने कहा कि किसान अपना भविष्य बचाने के संघर्ष में बलिदान कर रहे हैं। भाजपा बेतुके तर्कों और झूठे तथ्यों से किसानों के आंदोलन को बदनाम कर रही है। वह हर हाल में काले कृषि कानून देश में थोपना चाहती है। अच्छा हो, भाजपा सरकार बयानबाजी में देश को न उलझाए और किसान आंदोलन में लगातार बढ़ती किसानों की मृत्यु व आत्महत्या पर शर्म करे।
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उन्होंने कहा कि जो भाजपा सरकार एमएसपी होने पर भी अन्नदाता को बाजार में सही दाम नहीं दे पा रही है, वह काले कानून के आने के बाद क्या एमएसपी देगी? पूरे प्रदेश में अपनी मेहनत का हक नहीं मिलने से अन्नदाता बेहाल है। किसानों पर और कितना जुल्म करेगी भाजपा की डबल इंजन सरकार।
किसान सबसे ज्यादा अन्याय का शिकार
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि जब से केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकार आई है, किसान सबसे ज्यादा अन्याय का शिकार हुआ है। उसे लागत मूल्य का ड्योढ़ा देने, आय दुगनी करने का वादा करके झांसा दिया गया है। भाजपा राज में धान की लूट हुई। गन्ना मूल्य के भुगतान में सरकार खोखले आश्वासन दे रही है। किसान अपनी बात कहने गए तो उन पर आंसू गैस लाठीचार्ज किया गया।
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उन्होंने कहा कि भाजपा लाख सफाई दे, लेकिन किसान परेशान है कि नए कृषि कानून लागू होने के साथ ही खेती पर उनका स्वामित्व खतरे में पड़ जाएगा। उन्हें कारपोरेट खेती के लिए मजबूर किया जाएगा। इसीलिए कृषि कानून में एमएसपी का प्राविधान नहीं रखा गया है। बड़े कारपोरेट की शर्तों पर किसान को अपनी फसल बेचनी होगी। किसान संगठन बार-बार इन सवालों पर सरकार से स्पष्ट जवाब मांग रहे हैं, लेकिन भाजपा सरकार उससे कतरा रही हैं। गतिरोध का यही मूल कारण है।
भाजपा सरकार की सबसे बड़ी समस्या
सपा प्रमुख (Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा सरकार की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वह अपने को जनप्रतिनिधि नहीं धन प्रतिनिधि समझती है। इसीलिए बड़े पूंजीघरानों के लिए किसानों को दांव पर लगा रही है। भाजपा भूल रही है कि उसके सामने संकट से संघर्ष करने वाले देश के वे दो तिहाई लोग हैं, जो कभी हार नहीं मानते। आंधी तूफान, ओलावृष्टि, बेमौसम बरसात में भी किसान खेतों पर फसल उगाने में पीछे नहीं रहते हैं।
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उन्होंने कहा कि अन्नदाता के लिए समाजवादी लगातार सड़क पर उतरकर संघर्ष कर रहे हैं। किसान यात्राओं के बाद किसान घेरा कार्यक्रम को भारी समर्थन मिला है। समाजवादी सरकार ने किसानों के हित में कई योजनाएं चलाई थी। उन्हें फसल बीमा, पेंशन तथा मुफ्त सिंचाई की सुविधाएं दी थी। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कामधेनु, मंडी स्थापना, मत्स्य पालन जैसी योजनाएं शुरू की थी। समाजवादी पार्टी अकेली पार्टी है जो सही मायने में किसानों और गांवों के उन्नयन के लिए समर्पित भाव से काम करती है।
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