#NewYear2021: साल 2020 में सेना की बड़ी कामयाबी, आतंकियों पर कहर बनकर टूटे सैनिक

साल 2019 में जब से मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35A को हटाकर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया है. तभी से आतंकी घटनाओं पर लगाम लगने के साथ ही सुरक्षाबलों को आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की खुली छूट मिली

साल 2019 में जब से मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और आर्टिकल 35A को हटाकर केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया है. तभी से आतंकी घटनाओं पर लगाम लगने के साथ ही सुरक्षाबलों (indian army) को आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की खुली छूट मिली. जिसके बाद से सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान की कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया और करीब दो सौ से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया. साल 2020 में सुरक्षाबलों (indian army) ने पाकिस्तान की तरफ से की गई घुसपैठ की कोशिशों को भी नाकाम किया है. हालांकि इस दौरान जम्मू पुलिस के 16 और अर्धसैनिक बल के 44 जवान शहीद हो गए.

जम्मू पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह के मुताबिक, साल 2020 में प्रदेश में आतंकी घटनाओं में खासी कमी आयी है जबकि साल भर में प्रदेश में 225 आतंकियों को मार गिराया गया. पुलिस ने दावा किया कि साल 2020 में 60 पुलिस और सुरक्षाबलों (indian army) के अधिकारियों और जवानों ने अपनी शहादत दी.

जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों की इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रदेश पुलिस के 16 जांबाज़ लोग ने अपनी जान की शहादत दी जबकि अर्धसैनिक बल और सेना (indian army) के 44 जवान अपनी शहादत दे चुके हैं. दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश में आतंकवाद के ग्राफ में कमी आई है और साल 2018 और 2019 के बीच मुकाबले को देखा जाए तो इस में काफी गिरावट आई है और अगर कामयाबी का ग्राफ देखें तो वह पहले के मुकाबले काफी ऊपर गया है.

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प्रदेश के डीजीपी ने कहा कि साल 2020 में जम्मू कश्मीर पुलिस ने प्रदेश में आतंक को जिंदा रखने के लिए आतंकियों के विभिन्न मददगार जो हथियार ले जाने का काम करते हैं, पोस्टर लगाने का काम करते हैं, खबरें पहुंचाने का काम करते हैं या लॉजिस्टिकल सपोर्ट पहुंचाने का काम करते हैं को पकड़ा गया. 635 ऐसे ओसीडब्ल्यू को पकड़ा गया.

पुलिस ने दावा किया कि जम्मू कश्मीर में आतंक विरोधी अभियानों की इस कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रदेश पुलिस के 16 जांबाज़ लोग ने अपनी जान की शहादत दी जबकि अर्धसैनिक बल और सेना (indian army) के 44 जवान अपनी शहादत दे चुके हैं. दिलबाग सिंह ने कहा कि प्रदेश में आतंकवाद के ग्राफ में कमी आई है और साल 2018 और 2019 के बीच मुकाबले को देखा जाए तो इस में काफी गिरावट आई है और अगर कामयाबी का ग्राफ देखें तो वह पहले के मुकाबले काफी ऊपर गया है.

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