किसान आंदोलन: सरकार के साथ बैठक से पहले संगठनों ने लिखी चिट्ठी, रखी ये मांगें…

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ कुछ मांगों को लेकर चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि 30 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे वार्ता का निमंत्रण हमें स्वीकार है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के साथ कुछ मांगों को लेकर चिट्ठी लिखी है. किसानों(farmers) ने कहा है कि 30 दिसंबर को दोपहर 2:00 बजे वार्ता का निमंत्रण हमें स्वीकार है. बैठक के लिए हमारे द्वारा भेजे प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए धन्यवाद.

क्या है मांग?

तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग.
सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान तय किया जाए.
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 में ऐसे संशोधन हों जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं.
किसानों(farmers) के हितों की रक्षा के लिए ‘विद्युत संशोधन विधेयक 2020’ के मसौदे को वापस लेने की प्रक्रिया.

वहीं 30 दिसंबर को किसानों(farmers) से बातचीत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में किसानों(farmers) के साथ होने वाली बातचीत को लेकर चर्चा की जा रही है. इस बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि, किसानों के साथ बठक में किन मुद्दों को सरकार मानने को तैयार होगी और किन मुद्दों पर उसकी यथा स्थिति बरकरार रहेगी.

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आपको बता दें कि, कृषि कानून के विरोध में पिछले 34 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान(farmers) आंदोलन कर रहे हैं. वहीं बिहार की राजधानी पटना में कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो गई. पुलिस ने किसानों को राजभवन की तरफ जाने से रोकने के लिए लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. पटना की सड़कों पर उतरे किसान राजभवन में कृषि कानून के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और लाठी चार्ज शुरू कर दिया. किसान गांधी मैदान से निकलकर डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे.

किसानों के पहुंचते ही पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए किसानों(farmers) को तितर-बितर करने की कोशिश की लेकिन जब किसान नहीं माने तो उनपर पुलिस ने वाटर कैनन और लाठी चार्ज किया. जिसके बाद किसानों(farmers) में भगदड़ मच गई. पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से पीटा.

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