महोबा : खंडहर बताते हैं की इमारत बुलंद थी…
उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में ऐतिहासिक चंदेल कालीन इमारतों की खस्ताहाल सूरत अब बदलती नजर आ रही है।
उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद में ऐतिहासिक चंदेल कालीन इमारतों की खस्ताहाल सूरत अब बदलती नजर आ रही है। डीएम महोबा सतेन्द्र कुमार ने जनपद की कमान संभालते ही महोबा के सैकड़ों साल पुराने इतिहास को सहेजना सुरू कर दिया है। कई हजार वर्ष पुराने इतिहास को अपने सीने में दफन किए महोबा में बतौर डीएम बनकर आए सतेन्द्र कुमार की माने तो डिस्ट्रिक टूरिजम प्लान के तहत जनपद महोबा को नया आयाम और नई पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है। झांसी ओरछा खजुराहो चित्रकूट में महोबा जनपद के प्राचीन स्थलों के प्रचार प्रसार करने की सुरूआत करने के साथ ही सैलानियों को महोबा की तरफ आकर्षित करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
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देश के 20 प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में गिना जाने वाला रहलिया का सूर्य मदिंर भी अपने इतिहास को बयां करता नजर आता है। इस सूर्य मंदिर को अब पर्यअन स्थल का दर्जा मिलने की संभावनाए साफ तौर पर निकल कर सामने आ रहीं हैं। प्रेरणा सोविनियर्स शाॅप कम कैंटीन की सुरूआत किए जाने के साथ ही सैलानियों के बैठने और रात में चकाचैध कर देने वाली दूधिया रोशनी की भी व्यवस्था की जा रही है। जिलाधिकारी सतेन्द्र कुमार के इस मास्टर प्लान को आवाम के बीच खासा सराहा जा रहा है साथ ही साथ जनता का मानना है की पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ये मास्टर प्लान भविष्य में खासा कारगर साबित होगा।
सैलानियों को अपनी तरफ आकर्षित करने और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महोबा को गेट वे आॅफ खजुराहो दर्जा मिलता जल्द नजर आ रहा है। लहचूरा डैंम उर्मिल डैंम सिजहरी का प्राचीन मठ और सूर्य मदिंर समेत बनाए जाने वाले रोड मैप के तहत सैलानियों के लिए साइड मैप भी तैयार किया जा रहा है। कुल मिलाकर अगर कहें तो प्रशासन स्तर पर बनाए जा रहे इस साइड मैप या टूरिजम प्लान के सहारे विदेशी और देशी पर्यटक महोबा मे लम्बा वख्त गुजारने के साथ ही प्राचीन स्थलों के खूबसूरत नजारों का भी लुफत उठा सकेंगें।
देशी और विदेशी सैलानियों को जनपद की तरफ आकर्षित करने के साथ ही रिलीजियस टूरिजम को बढ़ाने का मास्टर प्लान डीएम महोबा सतेन्द्र कुमार द्वारा तैयार किया जा चुका है। जिलाधिकारी महोबा की अगर माने तो चरखारी तहसील के सप्त सरोवर के साथ ही वहां के सुप्रसिद्ध गुमान मदिंर को भी रिलीजियस टूरिजम से जोड़कर एक नया खाका तैयार किया जा रहा है।
पांच प्रमुख स्थानों का चयन करने के साथ ही लोकल महोबा को भी एक नई पहचान दिलाए जाने की कवायद का जिलाधिकारी महोबा द्वारा प्रयास किया जा रहा है। शहर के कीरत सागर रहलिया सूर्य मंदिर खखड़ामठ सहित तमाम स्थनों को बतौर पर्यटन स्थल की पहचान दिलाए जाने के साथ ही बेलाताल के कई सौ वर्ष पुराने वीरान पड़े इन महालों को ऐतिहासिक धरोहरों के रूप में काबिज करने की तमाम कोशिशे डीएम महोबा सतेन्द्र कुमार द्वारा अमल में लाई जा रहीं हैं।
जनपद महोबा में बतौर डीएम पद पर काबिज सतेन्द्र कुमार ने जिले में कदम रखने के साथ ही इन ऐतिहासिक धरोहरों सहेजने और सवारने की कवायद तेज कर दी है। जनपद जनपद के कई सौ वर्ष पुरानी इन रिहायशी हवेलियों का रख रखाव दुरूस्त किया जा रहा है। इसी के साथ ही आईएएस सतेन्द्र कुमार के इस भागीरथी प्रयास की सराहना लगातार आवाम के बीच सुर्खियां बटोरती नजर आ रही है। कुल मिलाकर अगर कहें तो हाल फिलहाल इस जनपद को पर्यटन स्थल के रूप में नई पहचान मिलती साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। जिलाधिकारी महोबा सतेन्द्र कुमार का विदेशी और देशी सैलानियों के लिए बनाया गया ये मास्टर प्लान भविष्य में कितना कारगर साबित होगा ये तो आने वाला वख्त ही बताएगा वहीं दूसरी तरफ खंडहर में तब्दील हो चुकी अपने वजूद को तलाशतीं इन पुरानी विरासतों के प्रति नए हुक्मरान का नया रवैया आवाम के बीच काफी पसंद किया जा रहा है।
Report- rituraj rajawat
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