बड़ी खबर: सरकार के साथ होने वाली बातचीत में शामिल होने से इस किसान संगठन ने किया इंकार, कहा- उनके पास नहीं है…

नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच 30 दिसंबर को बातचीत होनी है. इससे पहले सरकार से बातचीत कर रहे 40 संगठनों में से एक किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बड़ा ऐलान किया है.

नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों(farmer) के बीच 30 दिसंबर को बातचीत होनी है. इससे पहले सरकार से बातचीत कर रहे 40 संगठनों में से एक किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बड़ा ऐलान किया है. किसान मजदूर संघर्ष समिति ने सरकार द्वारा बुलायी गयी बैठक में भाग नहीं लेने का निर्णय लिया. उसका कहना है कि सरकार के पास कोई ठोस एजेंडा नहीं है. साथ ही नए साल में संगठन अपने संघर्ष को और तेज करेगा.

किसान मजदूर संघर्ष समिति के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष सतनाम सिंह, राज्य सचिव सरवन सिंह पंढेर और सविंदर सिंह चौटाला ने कहा है कि नीति-अयोग का बयान, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों के भाषण केवल नए कृषि कानूनों के औचित्य का बचाव करते हैं. सरकार ने बैठक के लिए कोई ठोस एजेंडा नहीं रखा है, इसलिए हमने बैठक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है.

30 दिसंबर को किसानों से बातचीत के पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल के साथ बैठक कर रहे हैं. बैठक में किसानों(farmer) के साथ होने वाली बातचीत को लेकर चर्चा की जा रही है. इस बैठक को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि, किसानों के साथ बठक में किन मुद्दों को सरकार मानने को तैयार होगी और किन मुद्दों पर उसकी यथा स्थिति बरकरार रहेगी.

आपको बता दें कि, कृषि कानून के विरोध में पिछले 34 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान(farmer) आंदोलन कर रहे हैं. वहीं बिहार की राजधानी पटना में कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों के साथ पुलिस की झड़प हो गई. पुलिस ने किसानों को राजभवन की तरफ जाने से रोकने के लिए लाठी चार्ज का सहारा लेना पड़ा. पटना की सड़कों पर उतरे किसान राजभवन में कृषि कानून के विरोध में राज्यपाल को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया और लाठी चार्ज शुरू कर दिया. किसान गांधी मैदान से निकलकर डाक बंगला चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे थे.

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किसानों(farmer) के पहुंचते ही पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए किसानों को तितर-बितर करने की कोशिश की लेकिन जब किसान नहीं माने तो उनपर पुलिस ने वाटर कैनन और लाठी चार्ज किया. जिसके बाद किसानों में भगदड़ मच गई. पुलिस ने किसानों को दौड़ा-दौड़ा कर बेरहमी से पीटा.

वहीं, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान (Farmers) अपने आंदोलन को घर-घर पहुंचाने के लिए बड़ी रणनीति तैयार कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि आंदोलन को अधिक से अधिक जोड़ा जाएगा। इसके लिए भारतीय किसान यूनियन हरियाणा ने बैठक बुलाई है, जो एक जनवरी को आंदोलनस्थल पर आयोजित होगी।

गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि यह बैठक हरियाणा पंडाल में बुलाई गई है। इस बैठक में प्रदेशभर के सदस्यों से आह्वान किया गया है कि जो लोग किसी वजह से अब तक धरनास्थल पहुंचने में असमर्थ रहे हैं, वह इस बैठक में अवश्य हिस्सा लें। हरियाणा का किसान (Farmers) आंदोलन में रणनीति की रूपरेखा तैयार करेगा। आगे उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी कई बड़े फैसले लेने का संकल्प किया गया है। इसके तहत अनिश्चितकाल के लिए हरियाणा टोल फ्री की कॉल पहले ही की जा चुकी है।

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