इमरान से नहीं संभल रहा बलूचिस्तान, विद्रोहियों ने सेना के सात जवानों की हत्या की, क्या पाक से अलग हो जाएगा बलूच ?  

बलूचिस्तान में लगातार हिंसक घटनाएं जारी हैं. हालांकि पाकिस्तानी सेना स्थितियों को काबू में करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन उसे सफलता नहीं हासिल हो पा रही है.

बलूचिस्तान में लगातार हिंसक घटनाएं जारी हैं. हालांकि पाकिस्तानी सेना स्थितियों को काबू में करने के लिए प्रयासरत है, लेकिन उसे सफलता नहीं हासिल हो पा रही है. पाक सेना से परेशान स्थानीय लोग हथियारों के माध्यम से सेना और इमरान सरकार को जवाब दे रहे हैं. बता दें कि, बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तानी सेना के पोस्ट पर हमला कर सात जवानों को मौत के घाट उतार दिया. जिसके बाद अपनी नाकामियों को छिपाने में जुटे इमरान खान से इस हमले के पीछे सीधे-सीधे भारत पर आरोप लगाए हैं.

मार देते हैं गोली

बताते चलें कि पाकिस्तानी सेना ने बयान जारी कर बताया कि, बलूचिस्तान के हरनाई में स्थित फ्रंटियर कोर के शारिग पोस्ट पर हुए हमले में उसके सात जवान मारे गए हैं. जिसके बाद स्थानीय लोगों से बदला लेने पर आमादा पाकिस्तानी सेना ने पूरे क्षेत्र में व्यापक अभियान छेड़ दिया है. पाकिस्तानी सेना ऐसे अभियानों के जरिए यहां के आम लोगों के घरों में घुसकर उनसे न केवल अभद्रता करती है जबकि विरोध करने पर लोगों को आतंकी बताकर गोली मार देती है.

इमरान ने ट्वीट कर कहा

हमले के 10 घंटे बाद प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए हमले के पीछे भारत का हाथ बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘देर रात फ्रंटियर कॉप्स के पोस्ट पर आतंकवादी हमले में 7 जवानों की शहादत को सुनकर दुख हुआ. मेरी हार्दिक संवेदना और प्रार्थनाएँ उनके परिवारों के लिए हैं. हमारा राष्ट्र हमारे साहसी सैनिकों के साथ खड़ा है जो भारतीय समर्थित आतंकवादियों के हमलों का सामना करते हैं.’

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक

ज्ञात हो कि कुछ महीने पहले ही बलूच विद्रोहियों ने पंजगुर जिले में सेना के एक काफिले को निशाना बनाया था. जिसमें तीन सैनिक मारे गए थे, जबकि सेना के एक कर्नल सहित 8 अन्य जख्मी हो गए थे. पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर मई के बाद यह तीसरा हमला था.

ये विद्रोही अब अपने हमलों का विस्तार कराची सहित पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में भी कर रहे हैं. बलूचिस्तान के लोगों ने हमेशा से चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर का विरोध किया है. कई बार बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के हथियारबंद विद्रोहियों के ऊपर पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाए जाने का आरोप भी लगे हैं.

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